ETV Bharat / state

kanker: खेत में बने झिरिया के पानी से प्यास बुझा रहे ग्रामीण, जानिए वजह

कांकेर जिला मुख्यालय से महज 30 किमी दूर बसे गांव शामतरा नयापारा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. गांव में लगे हैंडपंप लाल पानी उगल रहे हैं. नल जल योजना ठप है. ऐसे में खेत में बने झिरिया से लोग अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. कई बार गांव के सरपंच से शिकायत की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने से लोग परेशान हैं.

Drinking water crisis in village Shamtara Nayapara
गांव शामतरा नयापारा में पेयजल संकट
author img

By

Published : Apr 19, 2023, 9:31 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 2:47 PM IST

झरिया के पानी से प्यास बुझा रहे ग्रामीण

कांकेर: कांकेर जिला मुख्यालय के पास कई एकड़ में दुधावा बांध बनाया गया है. इस समय डैम पानी से लबालब भरा हुआ है. लेकिन इस जलाशय के ठीक नीचे करीब 5 किमी दूर ग्राम शामतरा में ग्रामीणों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. अपना गला तर करने के लिए लोग झरिया के पानी का उपयोग कर रहे हैं. गांव गांव तक पानी उपलब्ध कराने के लिए नल जल योजना बनाई गई है, लेकिन वह भी ठप है. पाइप लाइन बिछाने के बाद भी लोगों को उस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. गांव शामतरा नयापारा के करीब 50 परिवार के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं.

ग्रामीणों ने सुनाई आपबीती: गांव शामतरा नयापारा के ग्रामीणों ने बताया कि "उनकी बस्ती में करीब 40 से 50 परिवार निवासरत हैं. उनकी प्यास बुझाने और निस्तारी के लिए बस्ती में दो हैंडपंप लगाया गया है, जो गर्मी के दिन शुरू होते ही लाल पानी उगल रहा है. इसके आलावा गांव के अन्य वार्डों में पानी सप्लाई करने नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाया गया है. लेकिन नल जल योजना सिर्फ शोपीस बन कर रह गया है. यहां निवासरत करीब 150 लोगों बूंद भर पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं."

यह भी पढ़ें: Poona vesh Scheme: 'पूना वेश योजना' का असर, नक्सल इलाके के बच्चे कोचिंग सेंटर में गढ़ रहे भविष्य

हैंडपंप से आ रहा लाल पानी: ग्रामीणों ने बताया कि "किसी तरह से अब तक हैंडपंप से पानी भरकर अपनी प्यास बुझा रहे थे. निस्तारी के लिए दूर किसी तालाब या नदी में चले जाते थे. लेकिन अब स्थिति दिनों दिन विकराल हो रही है. हैंडपंप से लाल पानी आ रहा है, जिसे पीने के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने सरपंच से गुहार लगाई, लेकिन उनके द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं मिला. अंत में परेशान ग्रामीणों ने गांव से बाहर खेत में झरिया बनाकर, उसकी साफ सफाई करके पीने के लिए पानी निकाल रहे हैं."

झरिया के पानी से प्यास बुझा रहे ग्रामीण

कांकेर: कांकेर जिला मुख्यालय के पास कई एकड़ में दुधावा बांध बनाया गया है. इस समय डैम पानी से लबालब भरा हुआ है. लेकिन इस जलाशय के ठीक नीचे करीब 5 किमी दूर ग्राम शामतरा में ग्रामीणों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. अपना गला तर करने के लिए लोग झरिया के पानी का उपयोग कर रहे हैं. गांव गांव तक पानी उपलब्ध कराने के लिए नल जल योजना बनाई गई है, लेकिन वह भी ठप है. पाइप लाइन बिछाने के बाद भी लोगों को उस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. गांव शामतरा नयापारा के करीब 50 परिवार के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं.

ग्रामीणों ने सुनाई आपबीती: गांव शामतरा नयापारा के ग्रामीणों ने बताया कि "उनकी बस्ती में करीब 40 से 50 परिवार निवासरत हैं. उनकी प्यास बुझाने और निस्तारी के लिए बस्ती में दो हैंडपंप लगाया गया है, जो गर्मी के दिन शुरू होते ही लाल पानी उगल रहा है. इसके आलावा गांव के अन्य वार्डों में पानी सप्लाई करने नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाया गया है. लेकिन नल जल योजना सिर्फ शोपीस बन कर रह गया है. यहां निवासरत करीब 150 लोगों बूंद भर पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं."

यह भी पढ़ें: Poona vesh Scheme: 'पूना वेश योजना' का असर, नक्सल इलाके के बच्चे कोचिंग सेंटर में गढ़ रहे भविष्य

हैंडपंप से आ रहा लाल पानी: ग्रामीणों ने बताया कि "किसी तरह से अब तक हैंडपंप से पानी भरकर अपनी प्यास बुझा रहे थे. निस्तारी के लिए दूर किसी तालाब या नदी में चले जाते थे. लेकिन अब स्थिति दिनों दिन विकराल हो रही है. हैंडपंप से लाल पानी आ रहा है, जिसे पीने के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने सरपंच से गुहार लगाई, लेकिन उनके द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं मिला. अंत में परेशान ग्रामीणों ने गांव से बाहर खेत में झरिया बनाकर, उसकी साफ सफाई करके पीने के लिए पानी निकाल रहे हैं."

Last Updated : Apr 20, 2023, 2:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.