कांकेर: शहर के मध्य स्थित दूध नदी से निरंतर अवैध रूप से रेत उत्खनन जारी है. अधिकांश रेत की चोरी भंडारीपारा व राजापारा के रास्ते होती है. साथ ही मोहल्ले की गलियों में रेत से भरे ट्रैक्टर की आवाजाही लगी रहती है. जिससे एक ओर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, तो दूसरी ओर मोहल्ले की सड़क भी खराब हो रही है. जिससे चलते भंडारीपारा में वार्डवासियों ने रेत चोरी करने के लिए बनाए गए रास्ते में जाम लगा दिया.
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रेत चोरी से परेशान लोगों ने रास्ता जाम किया
रेत की चोरी और मोहल्ले के भीतर से वाहनों की आवाजाही से परेशान वार्डवाासियों ने रेत चोरों के द्वारा नदी तट पर बनाए गए रास्ते को बंद करने के लिए पेड़ को काटकर डाल दिया. ताकि रेत से भरे ट्रैक्टर आना-जाना न कर सकें. भंडारीपारा निवासी महेश यादव ने बताया कि कुछ लोग दिन के साथ-साथ रात के समय भी रेत चोरी करते हैं. जब उन्हें रोका जाता है, तो उनके द्वारा अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को पैसा देने की बात कही जाती है.
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'रेत माफियाओं पर नहीं हो रही कार्रवाई'
यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि रात दो बजे से ही रेत निकालना शुरू हो जाता है. रेत निकाल लेने से बाढ़ का पानी सीधा भंडारीपारा में घुस जाता है. भंडारीपारा निवासी किसन यादव ने बताया कि रेत चोरी के कारण मोहल्लेवासी परेशान है. रेत निकाल कर नदी को गड्ढा किया जा रहा है, जिससे जल स्तर भी नीचे जा रहा है. कई बार मना करने के बाद भी रेत चोरी जारी है. रेत चोरी रोकने के लिए शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी रेत चोरी नहीं रूक रही है. रात से ही रेत चोरी शुरू हो जाती है. जिससे मोहल्ले में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.