कांकेर: कांकेर में बारिश आदिवासी बच्चों के लिए मुसीबत बन गई. जिला मुख्यालय में स्थित आदिवासी छात्रावास में सेप्टिक टैंक का गंदा पानी पूरे छात्रावास में नाले की तरह अचानक बहने लगा. जिले में लागातार बारिश के बाद शहर में जगह-जगह पानी के भराव से जनता परेशान है. लगातार बारिश से जिला मुख्यालय में स्थित पोस्टमैट्रिक आदिवासी छात्रावास में पानी घुस गया.
बदबू से परेशान छात्र: छात्रवास के कमरों में नाली और सड़क का कीचड़ वाला पानी भर गया है. यही नही सेप्टिक टैंक का पानी भी ओवरफ्लो होकर छात्रावास में घुस गया. जिसके कारण गंदगी और बदबू से छात्र परेशान होते रहे. छात्रावास के बच्चों ने बताया कि कई दफा अवगत करवाने के बाद भी छात्रावास अधीक्षक ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण हमें परेशानी उठानी पड़ रही है.
खाने-पीने की वस्तुएं भी भींग गई: हॉस्टल के छात्रों ने भी ब्लॉक के रूम में जाकर शरण ली. छात्रों ने बताया कि हॉस्टल में रिपेयरिंग का कार्य कोरोना काल में किया गया. उसी समय अगर निर्माण कार्य को लेकर ध्यान दिया गया होता, तो आज ये दिन देखना नही पड़ता. छात्रों ने कहा कि रिपेयरिंग के कार्य गुणवत्ताहीन किया गया है, जिसके कारण हॉस्टल में जगह-जगह पानी लिकेज हो रहा है. ऐसे में हॉस्टल में रहना मुश्किल हो रहा है. छात्रों ने बताया कि खाने-पीने की वस्तुएं भी पानी में भींग गई हैं.
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सभी बच्चे परेशान: बता दें कि कांकेर जिला मुख्यालय में स्थित आदिवासी पोस्ट मेट्रिक छात्रावास में 100 से अधिक बच्चे रहते हैं. रात में शुरू हुई अचानक से बारिश ने सुबह तक छात्रों को परेशानी में डाल दिया. छात्रावास के एक ब्लॉक में पूरा पानी घुस आया. छात्रावास के अंदर से नाले जैसा पानी बहने लगा.