कांकेर: परलकोट जलाशय में जमा हुआ पानी बहकर किसानों के खेतों में जा रहा है. जिससे किसान खासा परेशान हैं. इस बार हुई बरसात में परलकोट जलाशय का केवल एक तिहाई हिस्सा ही भर पाया है.
जलाशय के पानी से हजारों हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई किया जाता है. गर्मी के दिनों में होने वाली फसलों को परलकोट जलाशय के पानी से ही सींचा जाता है. एक तरफ इस साल परलकोट क्षेत्र में अल्प वृष्टि के चलते परलकोट जलाशय का केवल एक तिहाई हिस्सा ही भर पाया है. लेकिन ये पानी भी जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से अब व्यर्थ में ही बह रहा है.
फसलों को हो रहा नुकसान
दरअसल, परलकोट जलाशय का पानी नहर में से होते हुए खेत खलिहानों में जा रहा है. जिससे किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है. किसानों की धान की फसल ज्यादा पानी होने की वजह से पक रही है. क्षेत्र के किसानों ने इसे लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी शिकायत की है. लेकिन विभाग ने अब तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
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किसानों को दोहरी मार
कोरोना काल और इस मंदी के दौर ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. अभी धान की फसल काटने के बाद गर्मी के समय होने वाली फसलों को क्षेत्र के किसान उगा नहीं पाएंगे. परलकोट क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां के लोगों का जीवन यापन खेती किसानी के सहारे ही होता है. किसान अपने परिवार का भरण पोषण खेती किसानी से ही करते हैं. घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी तक का खर्च खेती किसानी से होता है. खेतों में अभी धान की फसल पक चुकी है और अभी खेत के मिट्टी को सुखाने की बारी है. ताकि धान की फसल को काटा जा सके. लेकिन पानी भरने की वजह से खेत गिला हो रहा है.