रायपुर: भानूप्रतापपुर में होने वाले उपचुनाव के लिए गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन जमा किया. इसके लिए दोनों ही प्रत्याशी कलेक्ट्रेट पहुंचे और पार्टी पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया. इस बीच भानुप्रतापपुर कलेक्ट्रेट के आसपास काफी भीड़ जमा हो गई थी जिसे व्यवस्थित करने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा.
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वहीं डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस से आदिवासी तंग आ चुके हैं. इसलिए भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को ही प्रचंड बहुमत से विजय मिलेगी. ब्रह्मानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं. मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं. आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है. इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है. नेताम की समाज में पैठ का फायदा भाजपा को मिल सकता है.
जनता कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी तो आप ने भी बनाई दूरी: भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जोगी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी. एक तरफ जहां जनता कांग्रेस ने मनोज मंडावी से पारिवारिक रिश्ते होने की बात कही वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो नहीं चाहते कि अभी उपचुनाव में जोर लगाया जाए.
मनोज मंडावी थे इस सीट से विधायक: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. उसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी कर दिया है. 17 नवम्बर नामांकन की अंतिम तिथि है. 5 दिसंबर को मतदान होगा. 8 दिसंबर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा.
कौन हैं सावित्री मंडावी: भानुप्रतापपुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब स्थित सरकारी स्कूल में व्याख्याता के पद पर तैनात थीं। बच्चों को पढ़ाने का काम रहा है. जब निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया. उसी दिन दोपहर बाद ही सावित्री मंडावी ने टीचर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. दिवंगत मनोज मंडावी की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी. पिछले सप्ताह कांकेर के चारामा में हुई मुख्यमंत्री की जनसभा में भी सावित्री मंडावी के समर्थन में नारे लगाए गए थे.
ब्रह्मानंद साल 2018 में रह चुके हैं विधायक: भानुप्रतापपुर से ब्रह्मानंद नेताम को चुनाव लड़ाया जाएगा. नेताम को पार्टी ने फिर से टिकट दिया है. ब्रम्हानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं. मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं. आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है. इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है. नेताम की समाज में पैठ का फायदा भाजपा को मिल सकता है.