कांकेर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम (CM Bhupesh Baghel meeting program) भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम डोंगरकट्टा वासियों के लिए वरदान साबित हुआ है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक ग्रामीणों की शिकायत पहुंचने के 48 घंटों के भीतर ग्रामीणों को 25 वर्ष पहले ईओडब्लू द्वारा जब्त किया गया उनका राजस्व रिकॉर्ड वापस मिल गया. इस रिकॉर्ड के अभाव में उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. साथ ही कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ता था. ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत ग्राम भानबेड़ा में आयोजित भेंट-मुलाकत चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री से की थी. जिस पर सीएम बघेल ने तत्काल अधिकारियों को निर्देश दिए थे. अब ग्राम डोंगरकट्टा की जमीन का सम्पूर्ण दस्तावेज तहसील कार्यालय भानुप्रतापपुर को उपलब्ध करा दिया गया है, इससे ग्रामवासियों के साथ-साथ 110 खातेदारों को भी फायदा मिलेगा.
कैसे की सीएम भूपेश ने मदद : कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम भानबेड़ा (Village Bhanbera of Bhanupratappur block) में 03 जून को भेंट-मुलाकात कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया .तभी ग्राम डोंगरकट्टा (CM Bhupesh help to the villagers of Dongarketta) के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए बताया कि ''ग्राम डोंगरकट्टा की संपूर्ण जमीन के रिकॉर्ड को ईओडब्ल्यू ने वर्षों पहले जब्त कर लिया था. जिसे अब तक वापस नहीं किया गया है. इससे गांव के किसानों का खाता बंटवारा, सीमांकन, खरीदी-बिक्री जैसे काम नहीं हो पा रहे हैं. ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों की पीड़ा को सुनकर मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध में कलेक्टर चन्दन कुमार को निर्देशित किया था.
निर्देश के बाद एक्टिव हुआ प्रशासन : कलेक्टर चन्दन कुमार ने अपर कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, एसडीएम भानुप्रतापपुर जितेन्द्र यादव, एसडीएम कांकेर धनंजय नेताम और तहसीलदार भानुप्रतापपुर सुरेन्द्र उर्वशा को प्रकरण का पता लगाने और उस पर विधिवत कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था.
क्यों हुए थे कागजात जब्त : अवैध वृक्ष कटाई के प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. ने ग्राम डोंगरकट्टा की जमीन का रिकॉर्ड संदर्भ सीट नक्शा, चालू नक्शा शीट, नामांतरण पंजीकरण वर्ष 1989-90, मिशल बंदोबस्त वर्ष 1987-88, खसरा पांच साला वर्ष 1987-88, बी-1 वर्ष 1988-89 एवं वर्ष 1994-95 के रिकॉर्ड को 1997 में जब्त कर जिला न्यायालय कांकेर में प्रस्तुत किया था. जो वापस नहीं हुआ था.
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कैसे मिले जमीन के कागज : ग्राम डोंगरकट्टा (Dongarketta village of kanker) की जमीन का रिकॉर्ड वापस करने के लिए तहसीलदार भानुप्रतापपुर ने जिला न्यायालय कांकेर में आवेदन प्रस्तुत किया. जिसके बाद जब्त किये गये जमीन संबंधी संपूर्ण दस्तावेज को वापस किया गया, जिसे तहसील कार्यालय भानुप्रतापपुर में सुरक्षित रखा गया है. अपने गांव की जमीन का रिकॉर्ड वापस मिलने पर ग्राम डोंगरकट्टा के ग्रामीण बेहद खुश हैं. जिसके बाद ग्रामीणों को सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण जैसी सुविधाओं का लाभ मिलेगा. साथ ही शासकीय योजनाओं से भी लाभान्वित भी होंगे.