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SPECIAL: कांकेर में फ्लॉप हुई सिटी बस योजना, 10 महीने से थमे हैं पहिए

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय सुविधाओं के लिए करोड़ों के बजट से सिटी बसों का संचालन शुरू किया गया था. कोरोना काल के बाद सिटी बस परियोजना का संचालन कांकेर जिले में फेल होती नजर आ रही है. कांकेर में नगर सेवा के लिए संचालित बसों के पहिए बीते 10 महीनों से थमे हुए हैं.

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कांकेर में सिटी बस संचालन बंद
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Published : Feb 2, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 10:00 AM IST

कांकेर: कोरोना महामारी के मद्देनजर जिले में सिटी बस का परिचालन बंद कर दिया गया था. पूरे प्रदेश में बसों का संचालन पहले की तरह की शुरू कर दिया गया है, लेकिन कांकेर में सिटी बसों के पहिए अब भी थमे हुए हैं. परिचालन कंपनी का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पुरानी दर पर बस संचालन करने से नुकसान उठाना पड़ेगा.

कांकेर में फ्लॉप सिटी बस योजना

कांकेर मुख्यालय से नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, दुधावा की ओर सिटी बस चलती थी. सिटी बस का पहिया थम जाने के चलते अब यात्रियों को प्राइवेट बस में ज्यादा किराया देकर सफर करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि सिटी बस के चलन से काफी सुविधा मिलती थी, अब टैक्सी ऑटो में सफर करना पड़ता है. जहां 5 की जगह 10 लोगों को बिठाया जाता है, सिटी बस में सुरक्षित महसूस होता था. सिटी बस का संचालन फिर से शुरू करना चाहिए.

पढ़ें- आदिवासी महासभा ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर

नारथु राम मंडावी कहते हैं, सिटी बस के बंद होने से प्राइवेट बस में ज्यादा किराया देना पड़ता है. अपने गांव के लिए सिटी बस में 10 रुपये देकर सफर करते थे, अब यहां 30 रुपये देना पड़ रहा है और समय पर बस भी नहीं चलती है.

सिटी बस हो रही कंडम

लोगों को सस्ते दरों पर यात्रा सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2015-16 में जिले को 8 सिटी बसें मिली थी. इन सिटी बसों को जिला मुख्यालय से विभिन्न मार्गों में चलाया जाना था, लेकिन कोरोनाकाल से पहले 4 सिटी बसें ही मार्गों पर दौड़ रही थी. अन्य चार सिटी बसों को परमिट नहीं मिलने के कारण उनका संचालन पहले से बंद पड़ा हुआ था.

पढ़ें- यात्री ट्रेनों की कमी से लोगों में आक्रोश, 3 फरवरी को रेल रोको आंदोलन

बसों की सर्विस को लेकर आ रही दिक्कतें

वर्तमान में बसों का संचालन कर रहे उदय शर्मा ने बताया कि शासन खरीदी गई एसएमएल कंपनी के बसों का कोई भी वर्कशॉप कांकेर में नहीं है. सभी बसें bs4 है जिसके कारण अब इनके पास भी आसानी से नहीं मिलते हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत बसों के टायर को लेकर आ रही है. बसों के टायर केवल यही कंपनी बनाती है. इसके कारण बसों के टायर मिलना भी मुश्किल है.

कांकेर: कोरोना महामारी के मद्देनजर जिले में सिटी बस का परिचालन बंद कर दिया गया था. पूरे प्रदेश में बसों का संचालन पहले की तरह की शुरू कर दिया गया है, लेकिन कांकेर में सिटी बसों के पहिए अब भी थमे हुए हैं. परिचालन कंपनी का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पुरानी दर पर बस संचालन करने से नुकसान उठाना पड़ेगा.

कांकेर में फ्लॉप सिटी बस योजना

कांकेर मुख्यालय से नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, दुधावा की ओर सिटी बस चलती थी. सिटी बस का पहिया थम जाने के चलते अब यात्रियों को प्राइवेट बस में ज्यादा किराया देकर सफर करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि सिटी बस के चलन से काफी सुविधा मिलती थी, अब टैक्सी ऑटो में सफर करना पड़ता है. जहां 5 की जगह 10 लोगों को बिठाया जाता है, सिटी बस में सुरक्षित महसूस होता था. सिटी बस का संचालन फिर से शुरू करना चाहिए.

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ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर

नारथु राम मंडावी कहते हैं, सिटी बस के बंद होने से प्राइवेट बस में ज्यादा किराया देना पड़ता है. अपने गांव के लिए सिटी बस में 10 रुपये देकर सफर करते थे, अब यहां 30 रुपये देना पड़ रहा है और समय पर बस भी नहीं चलती है.

सिटी बस हो रही कंडम

लोगों को सस्ते दरों पर यात्रा सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2015-16 में जिले को 8 सिटी बसें मिली थी. इन सिटी बसों को जिला मुख्यालय से विभिन्न मार्गों में चलाया जाना था, लेकिन कोरोनाकाल से पहले 4 सिटी बसें ही मार्गों पर दौड़ रही थी. अन्य चार सिटी बसों को परमिट नहीं मिलने के कारण उनका संचालन पहले से बंद पड़ा हुआ था.

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बसों की सर्विस को लेकर आ रही दिक्कतें

वर्तमान में बसों का संचालन कर रहे उदय शर्मा ने बताया कि शासन खरीदी गई एसएमएल कंपनी के बसों का कोई भी वर्कशॉप कांकेर में नहीं है. सभी बसें bs4 है जिसके कारण अब इनके पास भी आसानी से नहीं मिलते हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत बसों के टायर को लेकर आ रही है. बसों के टायर केवल यही कंपनी बनाती है. इसके कारण बसों के टायर मिलना भी मुश्किल है.

Last Updated : Feb 3, 2021, 10:00 AM IST
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