कांकेर: छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के लिए 7 नवंबर को वोटिंग है. इस बार बस्तर संभाग का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में सामाजिक संगठन भी इस बार राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतार रहे हैं. आदिवासी समाज का सामाजिक संगठन सर्व आदिवासी समाज ने हमर राज पार्टी बनाई है और चुनावी मैदान में है. वहीं छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार मसीही समाज भी चुनावी मैदान में है. मसीही समाज के कुछ प्रमुख लोगों ने सर्व आदि दल के नाम से चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं.
बस्तर के 7 सीट पर उतारे प्रत्याशी: सर्व आदि दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने ईटीवी भारत को बताया कि बस्तर में फिलहाल 9 प्रत्याशी उतारे हैं. सर्व आदि दल ने बस्तर के जगदलपुर, बस्तर, कोंडागांव, केशकाल, चित्रकूट, अन्तागढ़, कांकेर में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, हालांकि लक्ष्य बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का था.
''हमें समाज के लोगों का समर्थन मिल रहा है. तीन सीट में पैसे की कमी की वजह से हम प्रत्याशी नहीं उतार पाए, क्योंकि हम ऑर्गेनाइज्ड नहीं हैं. हम अपनी जेब से ही चंदा जुटा कर चुनाव लड़ रहे हैं.'' - अरुण पन्नालाल,राष्ट्रीय अध्यक्ष, सर्व आदि दल
मसीही समाज चुनावी मैदान में क्यों?: अरुण पन्नालाल कहते हैं कि ''छत्तीसगढ़ में मसीही समाज के लोगों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. हमारे 4 पादरियों की हत्या हुई है. पुलिस ने भी हमारा सहयोग नहीं किया. बस्तर क्षेत्र में मसीही समाज की लगभग 200 लाशों को खोद कर बाहर निकाला गया. चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस खुद सक्रिय होकर हंगामा करती है. बहुत सारे मामलों में हमने न्यायालय के दरवाजे भी खटखटाए हैं. तकरीबन 400 केस हुए हैं, जिसमें मसीही समाज के लोगों को मारा पीटा गया है. हमें चोट खाने या मार खाने से उतनी पीड़ा नहीं है, जितनी पुलिस की निष्क्रियता से पीड़ा है.''
''हमें राजनीति में आने का कोई शौक नहीं है. ना हमें कोई पावर पॉलिटिक्स में जाना है. पहली बार छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यक आयोग में हमारा सदस्य नहीं है, बाकि किसी भी आयोग में हमारा कोई सदस्य नहीं है.'' - अरुण पन्नालाल,राष्ट्रीय अध्यक्ष, सर्व आदि दल
ईसाई समाज की उपेक्षा का आरोप: अरुण पन्नालाल कहते हैं कि '' हमारे समाज के लोगों को गौ आयोग का सदस्य बनाया गया. क्या ईसाई समाज गौ की सेवा करेगा, इसलिए हमारे समाज के लोग उसको जॉइन ही नहीं किए. अब हम अपनी बात करेंगे तो किससे करेंगे? मुख्यमंत्री भी हमारी बात नहीं सुनते बल्कि उनका बयान आता है आप 2% हैं, आपकी क्यों सुनें?
सियासी दलों से क्या परेशानी है?: अरुण पन्नालाल का कहना है कि ''भाजपा धर्मांतरण का मुद्दा उठाती है, लेकिन कांग्रेस को फैक्ट्स और फिगर्स पर बात करना चाहिए. सबसे बड़ी बात यह है कि चेहरा कुछ भी हो मंशा कुछ और रहती है. आज कांग्रेस पार्टी भी सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ रही है. बीजेपी हार्ड हिंदुत्व वाली है. बीजेपी का स्टैंड क्लियर है, लेकिन कांग्रेस कहती है कि हम सेकुलरिज्म है, अपनी आर्डियोलॉजी बताती है लेकिन आप काम कर रहे हो राइट विंग का.यह विराधाभास और भ्रम की स्थिति में ईसाई समाज है. कांग्रेस यहां सोचती है कि हम इन्हें प्रताड़ित भी करते रहें और सेकुलरिज्म भी चलाते रहें.
''आज हर आदमी पढ़ा लिखा है. ईसाई समाज सब समझता है. हमारे साथ खेल खेला जा रहा है, इसीलिए हमने पार्टी बनाई है और चुनावी मैदान में हैं.'' - अरुण पन्नालाल,राष्ट्रीय अध्यक्ष, सर्व आदि दल
अरुण पन्नालाल का कहना है कि अभी सर्व आदि दल केजी 1 में है. पहली बार 75 साल में ईसाई समाज पॉलिटिक्स में उतरा है. पहले दिन ही बच्चा पैदा होते ही दौड़ने लगेगा, यह संभव नहीं है, वैसे ही हम अभी पॉलिटिक्स में पैदा हुए हैं.
''हम अभी सामाजिक संरक्षण में ही हैं. इससे जब आगे बढ़ेंगे, तब जरूरी दूसरे समाज के साथ जाएंगे. चौंकाने वाली बात यह है कि बाकी समाज के लोग भी हमसे संपर्क कर रहे हैं. एक एक कदम आगे बढ़ाएंगे.'' - अरुण पन्नालाल,राष्ट्रीय अध्यक्ष, सर्व आदि दल
अरुण पन्नालाल का यह भी कहना है कि अभी सर्व आदि दल अपने समाज को संगठित कर अपना सामाजिक वोट बैंक बना रहा है. इसके बाद दूसरे समाज का समर्थन मांगा जाएगा. सर्व आदि दल की आइडियोलॉजी स्पष्ट है. हम सेकुलरिज्म में विश्वास करते हैं. सबको समानता से देखते हैं.