कांकेर: राजधानी रायपुर से 150 किमी दूर बसा कांकेर जिला छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माताओं की पसंद बन रहा है. यह जिला बस्तर का पहला पड़ाव है. इसी को पार करके आप बस्तर में प्रवेश करते हैं. ऊंची पर्वतों, तालाबों और हरियाली से कांकेर जिला घिरा हुआ है. कांकेर गढ़िया पहाड़, दूध नदी, ऊपर नीचे रोड, मकड़ी चौक और जाने कितनी ऐसी जगहें हैं जो बेहद सुंदर है. इस वजह से ये जिला फिल्म निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करता है.
हर साल यहां छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता फिल्मों की शूटिंग के लिए पहुंचते हैं. कांकेर जिला मुख्यालय में स्थित गढ़िया पहाड़, दूध नदी पर स्थित मलांजकुडुम जल प्रपात भी पर्यटकों को आकर्षित करता है. इसके अलावा दुधावा बांध, जिला की सीमा पर केसकाल घाट, टाटामारी प्रमुख पर्यटन स्थल हैं. ये सभी पर्यटन स्थल छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन गई है.
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छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता अमित आसरानी बताते हैं कि कांकेर जिले में ऐसे कई पर्यटन स्थल है, जो फिल्मों की शूटिंग के दृष्टिकोण से बेहतर है. जिसके चलते ही कांकेर में लंबे समय से छत्तीसगढ़ी फिल्मों निर्माता शूटिंग के लिए पहुंचते रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने कांकेर में तीन फिल्मों की शूटिंग की गई है. जिसमें दो फिल्में रिलीज हो चुकी हैं और एक बनकर तैयार है, लेकिन उसे कोरोना संक्रमण के चलते रिलीज नहीं किया गया है. इसके अलावा भोजपुरी फिल्मों की भी शूटिंग यहां हो चुकी है.
कांकेर में भी होगी तीजन बाई के बायोपिक की शूटिंग
उन्होंने बताया कि जल्द ही तीजन बाई पर एक फिल्म बनने जा रही है, जिसकी शूटिंग भी कांकेर में होनी है. कांकेर में खमडोड़गी, मलांजकुडुम, ईशानवन, गढ़िया पहाड़, दुधावा बांध व कई और भी स्थान है, जहां शूटिंग की जाती है. कोरोना काल समाप्त होने के बाद फिर से फिल्मों की शूटिंग शुरू हो जाएगी.
बस्तर क्षेत्र में दूर-दूर से पहुंचते हैं सैलानी
बस्तर क्षेत्र अपनी अद्भुत खनिज संपदा और मनोरम पर्यटन स्थलों से देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां की संस्कृति और परंपरा को जानने और समझने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. कांकेर भी बस्तर संभाग का ही हिस्सा है और यहां हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं.