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कांकेर: डेढ़ महीने से बस सुविधा बंद, प्राइवेट वाहन कर रहे आम आदमी की जेब ढीली - Kanker No Rail Service

लॉकडाउन होने से कांकेर में बस की सेवा बंद होने से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं. इसके साथ ही व्यापारी भी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि 'कांकेर में सिर्फ बस की सुविधा से ही आवाजाही कर सकते हैं. लेकिन सुविधा नहीं होने पर परेशानी झेलनी पड़ी रही है'.

bus service closed since lock down in kanker
कांकेर बस सेवा
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Published : May 15, 2020, 5:54 PM IST

कांकेर: कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन के बाद पिछले डेढ़ महीने से जिले में बस सेवा बंद पड़ी है. जिला मुख्यालय में आवागमन के लिए बस सबसे बड़ा माध्यम है. क्योंकि यहां रेल लाइन नहीं है. बस की सेवा बंद होने से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं. शहरवासियों का कहना है कि 'जरूरी कार्यों से बाहर जाने के लिए प्राइवेट वाहन किराए पर लेना पड़ता है. जिसकी लोगों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है'.

डेढ़ महीने से बस सुविधा बंद
बता दें कि केंद्र सरकार ने ग्रीन जोन में बस सेवा संचालित करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन राज्य सरकार फिलहाल बस सेवा शुरू करने के मूड में नहीं है. ऐसे में राजधानी रायपुर से बस्तर के अंतिम छोर आने के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी से बस्तर तक NH 30 बस्तर की लाइफलाइन कही जाती है, जिससे ये एक ही आवागमन का एक मात्र सड़क मार्ग है. रोजना हजारों लोग बसों में सफर करते हैं.
bus service closed since lock down in kanker
कांकेर में बंद पड़ी बस सेवा

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कांकेर से रायपुर का किराया चार हजार रुपये
प्राइवेट वाहन में कांकेर से रायपुर तक कि बुकिंग में चार हजार रुपए लग जाते हैं. वहीं बस में सफर करने पर दोनों तरफ का किराया मिलाकर 500 रुपये भी नहीं लगता. ऐसे में यदि किसी को मेडिकल, व्यपार से जुडे़ कार्यों या अन्य किसी भी तरह के आवश्यक कार्यों के लिए 4 हजार रुपये वाहन किराया चुकाना पड़ता है.

ग्रामीण करते हैं बस से सफर
नए बस स्टैंड के होटल संचालक उदय शर्मा ने बताया कि 'रोजाना आस-पास के क्षेत्रों से लोग बस सेवा चालू होने की आस लेकर लोग बस स्टैंड पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें निराश ही लौटना पड़ता है. कई ऐसे लोग हैं, जो डेढ़ महीने से अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं और रोजाना 50 से 100 लोग बस स्टैंड पहुंचते हैं. शहरवासी वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि 'हर व्यक्ति इतना सक्षम नहीं होता कि, वह 4 से 5 हजार रुपये खर्चा कर सकें.

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बस स्टैंड के व्यापारी भी परेशान
बस सेवा बंद होने से बस स्टैंड के व्यपारी भी परेशान हैं. बस स्टैंड शहर के मुख्य मार्केट से दूर है. ऐसे में यहां का व्यापार बसों के संचालन पर ही निर्भर होता है. ऐसे में यहां के व्यपारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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डेढ़ महीने से बस सुविधा बंद
बता दें कि केंद्र सरकार ने ग्रीन जोन में बस सेवा संचालित करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन राज्य सरकार फिलहाल बस सेवा शुरू करने के मूड में नहीं है. ऐसे में राजधानी रायपुर से बस्तर के अंतिम छोर आने के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी से बस्तर तक NH 30 बस्तर की लाइफलाइन कही जाती है, जिससे ये एक ही आवागमन का एक मात्र सड़क मार्ग है. रोजना हजारों लोग बसों में सफर करते हैं.
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कांकेर से रायपुर का किराया चार हजार रुपये
प्राइवेट वाहन में कांकेर से रायपुर तक कि बुकिंग में चार हजार रुपए लग जाते हैं. वहीं बस में सफर करने पर दोनों तरफ का किराया मिलाकर 500 रुपये भी नहीं लगता. ऐसे में यदि किसी को मेडिकल, व्यपार से जुडे़ कार्यों या अन्य किसी भी तरह के आवश्यक कार्यों के लिए 4 हजार रुपये वाहन किराया चुकाना पड़ता है.

ग्रामीण करते हैं बस से सफर
नए बस स्टैंड के होटल संचालक उदय शर्मा ने बताया कि 'रोजाना आस-पास के क्षेत्रों से लोग बस सेवा चालू होने की आस लेकर लोग बस स्टैंड पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें निराश ही लौटना पड़ता है. कई ऐसे लोग हैं, जो डेढ़ महीने से अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं और रोजाना 50 से 100 लोग बस स्टैंड पहुंचते हैं. शहरवासी वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि 'हर व्यक्ति इतना सक्षम नहीं होता कि, वह 4 से 5 हजार रुपये खर्चा कर सकें.

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बस स्टैंड के व्यापारी भी परेशान
बस सेवा बंद होने से बस स्टैंड के व्यपारी भी परेशान हैं. बस स्टैंड शहर के मुख्य मार्केट से दूर है. ऐसे में यहां का व्यापार बसों के संचालन पर ही निर्भर होता है. ऐसे में यहां के व्यपारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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