कांकेर : भानुप्रतापपुर के चुनाव में विकासखंड दुर्गूकोंदल के मतदाता हमेशा से ही निर्णायक भूमिका में रहे हैं. लेकिन यहां के कार्यकर्ताओं को नेतृत्व करने का मौका नहीं मिला है. बीजेपी से लोहत्तर निवासी देवलाल दुग्गा को 4बार टिकिट देकर नेतृत्व करने का मौका दिया जिसमें दो बार चुनाव जीत कर प्रतिनिधित्व किया और वो दो बार चुनाव हार गए. Bhanupratappur byelection 2022
कांग्रेस में कई दावेदार : वहीं इस बार बात यदि कांग्रेस की करें तो कांग्रेस के लिए चारामा विकासखंड से विजय ठाकुर, सावित्री मंडावी, भानुप्रतापपुर विकासखंड से कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बिरेश ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, जनपद उपाध्यक्ष सुनाराम तेता और विकासखंड दुर्गूकोंदल से सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष ललित नरेटी और गुदुम पंचायत के सरपंच छेरकू तुलावी खुलकर मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं. (BJP Congress gears up)
मोहन मरकाम ने संभाला मोर्चा : गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने तेलंगाना गए थे. 6 नवंबर को वे राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल हुए. भानुप्रतापपुर उपचुनाव की घोषणा होने के कारण वे भारत जोड़ो यात्रा के अपने कार्यक्रम में संशोधन करते 7 नवंबर को सीधे भानुप्रतापपुर पहुंचे. भानुप्रतापपुर में वे कार्यकर्ताओं की बैठक लिए. जिसमें कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग के अलावा कांग्रेस के बूथ, सेक्टर और जोन प्रभारियों, क्षेत्र के पंचायत एवं नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों सहित कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए.
बीजेपी की तरफ से कौन दावेदार : बीजेपी से ब्रह्मानंद नेताम के अलावा सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में कूदने वाले परमानंद तेता के नाम की भी चर्चा है.तीसरा नाम पूर्व जनपद अध्यक्ष रामबाई गोटा का है.
कांग्रेस ने भानुप्रतापपुर से सावित्री मंडल को उतारने का बनाया मन : सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने दिवंगत पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को प्रत्याशी बनाने का मन बना लिया है. कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में पैनल तैयार होने के बाद हाईकमान को भेजा जाएगा. उसके बाद 10 तारीख से पहले प्रत्याशी की घोषणा कांग्रेस कर सकती है. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी.
किसका पलड़ा है भारी : चारामा, कोरर, भानुप्रतापपुर क्षेत्र में कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा मजबूत दिखाई दे रही है. चारामा विकासखंड में रेत खदानों में कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता के चलते कांग्रेस का जनाधार घटा है. बीजेपी नेता इसे चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस को पटखनी दे सकते हैं. कोरर क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और जिला पंचायत के अध्यक्ष होने के बाद भी कुछ असर दिखा नहीं पा रहे हैं. बीजेपी कच्चे माइंस, हाहालद्दी माइंस, आदिवासी आरक्षण, भानुप्रतापपुर को जिला बनाने, गौठान को बड़ी मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में खड़ी है.
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भानुप्रतापपुर, संबलपुर, केंवटी, कच्चे क्षेत्र में जिला की मांग और माइंस की लगातार लड़ाई और आंदोलन के कारण कांग्रेस का जनाधार हाथ से खिसक गया है. भानुप्रतापपुर और कच्चे क्षेत्र के ट्रक मालिक कांग्रेस और कांग्रेसी बड़े नेताओं के रवैए से नाराज़ चल रहे हैं. जो कांग्रेस को मात देने में अहम भूमिका का निभा सकते हैं. इधर विवादों से परे विकासखंड दुर्गूकोंदल है, जो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. लेकिन दुर्गूकोंदल विकासखंड में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग जोरशोर से उठ रही है.