कांकेर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंदर गुटबाजी दिखनी शुरु हो गई है.कांकेर में बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए नरहरपुर मंडल के सभी कार्यकर्ताओं ने अरुण साव को इस्तीफा सौंपा है.ये सभी पदाधिकारी नरहरपुर के बीजेपी मंडल अध्यक्ष को हटाए जाने से नाराज हैं.जिसके बाद मंडल उपाध्यक्ष से लेकर मंत्री मीडिया प्रभारी ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिला अध्यक्ष ने नरहरपुर मंडल अध्यक्ष को बिना मंडल मीटिंग के ही पद से मुक्त कर दिया है.
क्या है इस्तीफे का कारण : बीजेपी नरहरपुर मंडल के सारे कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा में लिखा है कि ''भाजपा मण्डल नरहरपुर में हम सभी पदाधिकारी अपने पदों पर रहकर अपने कार्यों का सकुशल निर्वहन कर रहे थे.लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के फेरबदल को देखते हुए जान पड़ता है कि आज के परिपेक्ष्य में हम जैसे कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है. हमने पार्टी के रीति नीति और सिद्धांत के परिपालन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं की. लेकिन वर्तमान में हमारे मंडल अध्यक्ष दिनेश नागदौने को अचानक पद से भार मुक्त कर किसी अन्य व्यक्ति को मण्डल अध्यक्ष बनाना समझ से परे है. मंडल समिति की बैठक तक नहीं की गई है और निर्णय लिया गया है. इस तरह के व्यवहार से कार्यकर्तओं का निष्ठा से कार्य करना संभव नहीं होगा. इसीलिए सार्वजनिक रूप से नरहरपुर मंडल के सारे पदाधिकारी अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं.''
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क्या है पूर्व मंडल अध्यक्ष का कहना : पूर्व मंडल अध्यक्ष नरहरपुर दिनेश नागदौन ने कहा कि '' पार्टी के पदाधिकारियों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. बिना मंडल मीटिंग के पार्टी के नेताओं ने मुझे भारमुक्त कर अन्य एक व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाया था. जिससे कार्यकर्ता नाराज हैं. हमने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को सामूहिक इस्तीफे का पत्र भेज दिया है.'' इस संबंध में कांकेर बीजेपी जिला अध्यक्ष सतीश लाटिया ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने अंतरकलह से भी इंकार किया है.लेकिन जिस तरह से एक मंडल अध्यक्ष को हटाने पर पूरी टीम ने पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा है.वो कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर बढ़ रही अंतरद्वंद को दर्शा रहा है.