कांकेर : जिला मुख्यालय के आस-पास के इलाकों में भालुओं की मौत छठवां मामला सामने आया है. शहर से सटे कोदाभाट में एक मादा भालू का शव खेत में पड़ा मिला. मृत भालू की उम्र 5 साल के करीब बताई जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि भालू की मौत प्यास के कारण हुई है.
मंगलवार सुबह करीब 9 बजे चरवाहे ने खेत में भालू का शव पड़ा देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. भालू की मौत कैसे हुई ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी में भूख-प्यास से भालू की मौत हुई है.
जामवंत योजना का हाल बेहाल
6 महीने में 6 भालुओं की मौत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, वन विभाग की जामवंत योजना कितनी सफल साबित हो रही है. योजना के तहत भालू के रहवास वाली कई पहाड़ियों को वन विभाग ने चयनित किया था, जहां फलदार वॄक्ष लगाए जाने थे, तालाब का निर्माण किया जाना था, ताकि भालू उन इलाकों से बाहर न निकले और उन्हें भोजन-पानी भी वहीं मिल जाए, लेकिन वन विभाग की ये योजना पूरी तरह नाकाम साबित होती दिख रही है.
6 महीने में 6 भालुओं की मौत
पिछले 6 महीनों में ये छठवें भालू की मौत हुई है, जो कि वन विभाग की जामवंत योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है.