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कांकेर : जाम हुई जामवंत योजना, 6 महीने में 6 भालुओं की हुई मौत - 6 भालुओं की मौत

पिछले 6 महीनों में ये छठवें भालू की मौत हुई है, जो कि वन विभाग की जामवंत योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है. भालू की मौत कैसे हुई ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी में भूख-प्यास से भालू की मौत हुई है.

भालू का शव
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Published : Jun 4, 2019, 5:43 PM IST

कांकेर : जिला मुख्यालय के आस-पास के इलाकों में भालुओं की मौत छठवां मामला सामने आया है. शहर से सटे कोदाभाट में एक मादा भालू का शव खेत में पड़ा मिला. मृत भालू की उम्र 5 साल के करीब बताई जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि भालू की मौत प्यास के कारण हुई है.

6 महीने में 6 भालुओं की हुई मौत

मंगलवार सुबह करीब 9 बजे चरवाहे ने खेत में भालू का शव पड़ा देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. भालू की मौत कैसे हुई ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी में भूख-प्यास से भालू की मौत हुई है.

जामवंत योजना का हाल बेहाल
6 महीने में 6 भालुओं की मौत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, वन विभाग की जामवंत योजना कितनी सफल साबित हो रही है. योजना के तहत भालू के रहवास वाली कई पहाड़ियों को वन विभाग ने चयनित किया था, जहां फलदार वॄक्ष लगाए जाने थे, तालाब का निर्माण किया जाना था, ताकि भालू उन इलाकों से बाहर न निकले और उन्हें भोजन-पानी भी वहीं मिल जाए, लेकिन वन विभाग की ये योजना पूरी तरह नाकाम साबित होती दिख रही है.

6 महीने में 6 भालुओं की मौत
पिछले 6 महीनों में ये छठवें भालू की मौत हुई है, जो कि वन विभाग की जामवंत योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है.

कांकेर : जिला मुख्यालय के आस-पास के इलाकों में भालुओं की मौत छठवां मामला सामने आया है. शहर से सटे कोदाभाट में एक मादा भालू का शव खेत में पड़ा मिला. मृत भालू की उम्र 5 साल के करीब बताई जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि भालू की मौत प्यास के कारण हुई है.

6 महीने में 6 भालुओं की हुई मौत

मंगलवार सुबह करीब 9 बजे चरवाहे ने खेत में भालू का शव पड़ा देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. भालू की मौत कैसे हुई ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी में भूख-प्यास से भालू की मौत हुई है.

जामवंत योजना का हाल बेहाल
6 महीने में 6 भालुओं की मौत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, वन विभाग की जामवंत योजना कितनी सफल साबित हो रही है. योजना के तहत भालू के रहवास वाली कई पहाड़ियों को वन विभाग ने चयनित किया था, जहां फलदार वॄक्ष लगाए जाने थे, तालाब का निर्माण किया जाना था, ताकि भालू उन इलाकों से बाहर न निकले और उन्हें भोजन-पानी भी वहीं मिल जाए, लेकिन वन विभाग की ये योजना पूरी तरह नाकाम साबित होती दिख रही है.

6 महीने में 6 भालुओं की मौत
पिछले 6 महीनों में ये छठवें भालू की मौत हुई है, जो कि वन विभाग की जामवंत योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है.

Intro:कांकेर - जिला मुख्यालय के आस पास के इलाकों में भालुओं की मौत का सिलसिला जारी है , आज सुबह शहर से सटे कोदाभाट में एक मादा भालू का शव खेत मे पड़ा मिला । आशंका जताई जा रही है कि प्यास की तड़प में भालू की मौत हुई है । मृत भालू की उम्र 5 साल के करीब बताई जा रही है । बता दे कि पिछले 6 महीनों के यह छठवें भालू की मौत हुई है , जो कि वन विभाग की जामवंत योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।


Body:आज सुबह करीब 9 बजे एक चरवाहे ने खेत मे भालू का शव पड़ा देख इसकी सूचना ग्रामीणों की दी जिसके बाद वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी गई लेकिन वन विभाग के अधिकारी अभी तक मौके पर नही पहुचे है । भालू की मौत कैसे हुई यह साफ नही है लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि भीषण गर्मी में भूख प्यास से भालू की मौत हुई होगी । भीषण गर्मी की वजह से नदी तालाब सुख चुके है और वन्य प्राणी पानी की तलाश में आबादी जनित इलाको का रुख कर रहे है । और यह वन्य प्राणी और इंसान दोनों के लिये ही खतरा है।

जामवंत योजना का हाल बेहाल
वन विभाग की जामवंत योजना का हाल बेहाल है जिससे भालू इधर उधर भटक रहे है , भालू के रहवास वाले कई पहाड़ियों को वन विभाग ने चयनित किया था जहां फलदार वॄक्ष लगाए जाने थे , तालाब निर्माण किया जाना था ताकि भालू इस इलाके से बाहर ना निकले और उन्हें भोजन पानी भी मिल सके , लेकिन वन विभाग की यह योजना पूरी तरह नाकाम रही है । जिससे भालू भटक कर आबादी जनित इलाको में घुस रहे है और उनकी भूख प्यास से मौत भी हो रही है ।

6 महीने में 6 मौत
बीते 6 महीनों में 6 भालू की मौत हो चुकी है । इसके पहले हाटकोंगेरा गांव में दो भालुओं के शव मिले थे ,इसके बाद भालू के दो शावक पानी के चक्कर मे कुएं में गिर गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी , वही कुछ दिन पहले ही सारंडा में भालू ने दो लोगो की मौत के घाट उतार दिया था , जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने भालू की पीट पीटकर मार डाला था , वही आज फिर एक भालू का शव मिला है। वन विभाग वन्य प्राणियों की रक्षा करने में नाकाम साबित हो रहा है।


Conclusion:पोस्टमार्टम के बाद वजह होगी साफ
भालू का शव फिलहाल मौके पर ही पड़ा हुआ है , जिसे वन विभाग के द्वारा पशु चिकित्सालय लेजाकर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा जिसके बाद ही उसके मौत की वजह साफ़ हो सकेगी।

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