कांकेर: बांदे वन परिक्षेत्र के पानावर में वन विकास अभिकरण योजना के तहत 25 हेक्टेयर भूमि पर बांस के पौधों को लगाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार 25 हेक्टेयर जंगल में लगभग 10 हजार बांस के पौधे लगाए गए हैं, लेकिन बांदे वन परिक्षेत्र के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सैकड़ों बांस के पौधे सूखने लगे हैं. इतना ही नहीं वन विभाग की लापरवाही के कारण सागौन के भी हजारों पौधे सड़ने के कगार पर हैं.
जानकारी के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारी बांस के पौधों में डालने वाले खाद में भी बंदरबांट कर रहे हैं. अभी बांस के पौधों का टॉपडेसिंग किया जा रहा है, जिसमें देखा गया है कि DAP खाद और गोबर खाद की मात्रा अधिक होनी चाहिए थी, लेकिन पौधों को यूरिया खाद का मात्रा ज्यादा दिया गया. 50 किलो DAP खाद की कीमत लगभग 1300 रुपये है. वहीं 50 किलो यूरिया की बोरी मात्र 266 रुपये की आती है.
बांस के पौधे जंगल में बिखरे पड़े हैं
प्लांटेशन के लिए रखे गए बांस के पौधे जंगल में बिखरे पड़े हुए हैं. जहां सैकड़ों बांस के पौधे सूखने के कगार पर हैं. इतने में ही अभी वन विभाग के अधिकारियों का कारनामा समाप्त नहीं हुआ. बास के पौधों को लगाने के लिए मजदूरों को 330 रुपये की रोजी बताकर पौधे लगाने के बाद मजदूरों को 295 रुपये की रोजी दी गई. इस बात से मजदूरों ने भी नाराजगी जाहिर की है.
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सागौन के हजारों पौधे 90 फीसदी तक सड़ गए
बता दें कि सागौन के हजारों पौधों को लावारिस की तरह रखा गया है. सागौन के पौधों को प्लांटेशन के लिए रखा गया था, लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने सागौन के पौधों को लगाना उचित नहीं समझा. दो महीने से हो रहे बारिश में लावारिस की तरह रख दिया गया. सागौन के हजारों पौधे 90 फीसदी तक सड़ गए हैं, जिसकी जानकारी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बिल्कुल नहीं है.
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रेंजर आरसी यादव ने दी गैर जिम्मेदाराना जवाब
वहीं मामलेल में बांदे वन विभाग के रेंजर आरसी यादव से जानकारी ली गई, तो जबाब गैर जिम्मेदाराना रहा. उन्होंने बताया कि हमें आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है. इमारती लकड़ी सागौन के पौधों को लगाया नहीं गया है, जबकि मौके पर शुरू बारिश से ही सागौन के हजारों पौधों को प्लांटेशन में लावारिस की तरह रखा गया था, जो 90 फीसदी सड़ चुके हैं. अब जिम्मेदार अधिकारी मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.