कांकेर: सरकारी दावे धरातल पर आकर दम तोड़ रहे हैं और राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा. ग्रामीणों क्षेत्रों के स्कूलों के हालात बदतर नजर आते हैं. इस साल अप्रैल-मई में आए तूफान में बड़े झाड़कट्टा के प्राथमिकशाला के स्कूल की छत उड़ गई थी, तब से यहां पढ़ने वाले नौनिहालों को छत नसीब नहीं हुई. महीनों बीत गए लेकिन जिम्मेदारों ने इस स्कूल की हालत सुधारने की जहमत नहीं उठाई.
पंखाजूर के अंदरुनी इलाकों के कई स्कूलों में अव्यवस्थाएं साफ देखी जा सकती है. जिसकी सुध अब तक किसी अधिकारी ने नहीं ली है. ऐसी बदहाली में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. बहीरेंगावहीं के हाईस्कूल में सैकड़ों छात्रों के लिए एक ही शिक्षक पदस्थ हैं. ऐसे में बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों का कोर्स अब तक पूरा नहीं हो सका है.
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स्कूल की इस हालत के बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वे इस मामले में सफाई देते और विभाग का बचाव करते ही नजर आए. उन्होंने बताया की एकल शिक्षा के तहत कुछ शिक्षकों की भर्ती की गई है.और तूफान में क्षतिग्रस्त हुए स्कूल भवनों की रिपेयरिंग के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से लिस्ट मंगवाई गई है.