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भारत-चीन झड़प में शहीद हुआ छत्तीसगढ़ का बेटा गणेश कुंजाम, कांकेर में परिवार का बुरा हाल

भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं. इनमें छत्तीसगढ़ के कांकेर का रहने वाला एक जवान भी शामिल है. शहीद जवान का नाम गणेश कुंजाम है, जिसने साल 2011 में आर्मी ज्वॉइन की थी.

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भारत-चीन झड़प में शहीद हुआ छत्तीसगढ़ का जवान गणेश
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Published : Jun 17, 2020, 11:23 AM IST

Updated : Jun 17, 2020, 1:55 PM IST

कांकेर: भारत-चीन सीमा पर सोमवार की रात हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए. इसमें छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का एक जवान भी शामिल है. कांकेर के चारामा ब्लॉक के कुररूटोला ग्राम पंचायत के गिधाली गांव का रहने वाला जवान गणेश कुंजाम इस झड़प में शहीद हो गया. मंगलवार की शाम सेना ने फोन पर गणेश के परिजनों को इसकी सूचना दी है. जिसके बाद गांव में मातम पसर गया है.

भारत-चीन झड़प में शहीद हुआ छत्तीसगढ़ का जवान गणेश

लद्दाख के 17 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में सोमवार की रात भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें सेना के एक अफसर समेत 3 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई थी. लेकिन देर रात 17 और जवानों के शहीद होने की खबर आई, जिसमें कांकेर जिले का जवान गणेश कुंजाम भी शामिल है. हालांकि कांकेर प्रशासन और पुलिस को अब तक जवान के शहीद होने की सूचना नहीं मिली है. कांकेर पुलिस ने जवान के गांव के लिए टीम रवाना की है, ताकि सेना से आए फोन के बारे में जानकारी ली जा सके.

2011 में ज्वॉइन की थी आर्मी

गणेश कुंजाम ने 2011 में सेना ज्वॉइन किया था. एक महीने पहले ही उसकी चीन बॉर्डर पर तैनाती हुई थी. जवान के चाचा ने बताया कि मंगलवार शाम उन्हें फोन आया और गणेश के शहीद होने की जानकारी मिली. गणेश दो बहनों का एकलौता भाई था. शहादत की खबर के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें- एलएसी विवाद : लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प, जानिए अब तक क्या हुआ

45 साल बाद भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई है. 20 जवान शहीद हुए हैं. इनकी संख्या बढ़ सकती है. सूत्रों के अनुसार चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. एलएसी पर तनाव बरकरार है. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर वार्ता जारी है. अमेरिकन मीडिया ने दावा किया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उकसाया, इसके बाद हिंसा भड़क गई. भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा है कि एलएसी पर गोलीबारी नहीं हुई है. हमले में पत्थरों और रॉड का इस्तेमाल किया गया था.

1967 के बाद बड़ा टकराव

वर्ष 1967 में नाथूला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त में हुआ है, जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है.

कांकेर: भारत-चीन सीमा पर सोमवार की रात हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए. इसमें छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का एक जवान भी शामिल है. कांकेर के चारामा ब्लॉक के कुररूटोला ग्राम पंचायत के गिधाली गांव का रहने वाला जवान गणेश कुंजाम इस झड़प में शहीद हो गया. मंगलवार की शाम सेना ने फोन पर गणेश के परिजनों को इसकी सूचना दी है. जिसके बाद गांव में मातम पसर गया है.

भारत-चीन झड़प में शहीद हुआ छत्तीसगढ़ का जवान गणेश

लद्दाख के 17 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में सोमवार की रात भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें सेना के एक अफसर समेत 3 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई थी. लेकिन देर रात 17 और जवानों के शहीद होने की खबर आई, जिसमें कांकेर जिले का जवान गणेश कुंजाम भी शामिल है. हालांकि कांकेर प्रशासन और पुलिस को अब तक जवान के शहीद होने की सूचना नहीं मिली है. कांकेर पुलिस ने जवान के गांव के लिए टीम रवाना की है, ताकि सेना से आए फोन के बारे में जानकारी ली जा सके.

2011 में ज्वॉइन की थी आर्मी

गणेश कुंजाम ने 2011 में सेना ज्वॉइन किया था. एक महीने पहले ही उसकी चीन बॉर्डर पर तैनाती हुई थी. जवान के चाचा ने बताया कि मंगलवार शाम उन्हें फोन आया और गणेश के शहीद होने की जानकारी मिली. गणेश दो बहनों का एकलौता भाई था. शहादत की खबर के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें- एलएसी विवाद : लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प, जानिए अब तक क्या हुआ

45 साल बाद भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई है. 20 जवान शहीद हुए हैं. इनकी संख्या बढ़ सकती है. सूत्रों के अनुसार चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. एलएसी पर तनाव बरकरार है. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर वार्ता जारी है. अमेरिकन मीडिया ने दावा किया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उकसाया, इसके बाद हिंसा भड़क गई. भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा है कि एलएसी पर गोलीबारी नहीं हुई है. हमले में पत्थरों और रॉड का इस्तेमाल किया गया था.

1967 के बाद बड़ा टकराव

वर्ष 1967 में नाथूला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त में हुआ है, जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 1:55 PM IST
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