कांकेर: कांकेर जिले में आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता सहायिका संघ ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर कांकेर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिले में 1 फरवरी से किलकारी योजना सुपोषण अभियान संचालित किया जाना है. जहां कुपोषित बच्चो को दोपहर 3 बजे के बाद खाना उपलब्ध कराना है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कहा कि किलकारी योजना में कुपोषण दूर करने में कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जिसके लिए जिले को पुरस्कार भी मिलने वाला है. लेकिन पिछले तीन महीने से योजना के तहत दी जाने वाली राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है. जिसकी राशि स्व सहायता समूह के खाते में जाती है. इससे पोषण आहार देने में दिक्कत होती है.
नहीं मिली राशि
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताआ और सहायिका संघ की जिालध्यक्ष जयश्री राजपूत ने कहा कि कुपोषण दूर कर जिले को पुरस्कार दिलाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य सरकार ने बजट में कुपोषण दूर करने के लिए करोड़ो रुपये दिए, लेकिन कुपोषण दूर करने के लिए काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को कुछ नहीं मिला.
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मानदेय में होनी चाहिए बढ़ोतरी
कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम घर-घर जाकर कुपोषण दूर करने के लिए काम करते हैं, लेकिन हमारी मानदेय बढ़ोत्तरी की लंबित मांग को अब तक पूरा नहीं किया गया है. हम निचले स्तर पर कार्य करतीं हैं, लेकिन हम उपेक्षित हैं. महंगाई को देखते हुए मानदेय में बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए.
रिटायर होने के बाद नहीं मिलती कोई राशि
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सेवानिवृत्त होने पर उन्हें कोई राशि नहीं मिलती है. 1 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन न तो मानदेय में बढ़ोत्तरी हुई है और न ही एरियस मिला. इन्हीं सब मांगो को लेकर हम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने आए हैं.