कांकेर: प्रतापपुर से कोयलीबेड़ा मार्ग पर करकाघाट और कामतेड़ा में दो बीएसएफ कैंप खोले जाने का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं. कोयलीबेड़ा क्षेत्र 7 परगना के 103 गांव के हजारों ग्रामीण पखांजूर बस स्टैंड के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. ग्रामीणों के धरने का आज दूसरा दिन है. इस बारे में एडिशनल एसपी गोरखनाथ बघेल का कहना है कि ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में प्रदर्शन कर रहे हैं. कलेक्टर का कहना है कि विकास विरोधियों को जवाब दिया जाएगा.
नक्सलियों के दबाव में प्रदर्शन: एसपी
इस बारे में जब ETV भारत ने एडिशनल एसपी गोरखनाथ बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में प्रदर्शन कर रहे हैं. कैंप ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए है. कैंप के आने से नक्सली बैकफुट पर जाएंगे इसीलिए ग्रामीणों को भड़का रहे हैं.
पढ़ें: BSF कैंप का विरोध: अनिश्चितकालीन धरने पर ग्रामीण, अब नक्सलियों ने भी दिया समर्थन
विकास विरोधियों को दिया जाएगा जवाब: कलेक्टर
कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से बातचीत जारी है. 2 दिन में इसका समाधान निकाल लिया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि कुछ विध्वंशकारी ताकतों के द्वारा इसका विरोध कराया जा रहा है. सड़क-पुल बनने और विकास का विरोध कौन करता है सब जानते हैं. ये आंतरिक मामले हैं. विकास विरोधियों को जवाब दिया जाएगा.
विकास कार्यों के लिए खोले जा रहे हैं कैंप
शासन जिले के कुछ इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान के तहत कैंप खोल रहा है. इसके तहत 29 नवंबर को कुछ जगहों पर नए बीएसएफ कैंप खोले गए हैं. जिसमें कड़काघाट और तुमिरघाट भी शामिल है. विकास कार्यों के लिए अंदरूनी इलाकों में कैंप खोले जा रहे हैं, जिससे सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण हो सके.
राशन लेकर आए गांववाले
ये लोग राशन-पानी सहित सभी जरूरी चीजें लेकर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक कैंप नहीं हटाया जाएगा, धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.
इससे पहले भी किया था प्रदर्शन
इससे पहले भी तुमिरघाट में करीब 18 पंचायत के ग्रामीण और कड़काघाट में 85 ग्राम पंचायत सहित करीब 15 सौ की संख्या में ग्रामीण अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे थे. इसमें अबूझमाड़ के ग्रामीण भी शामिल थे. ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन देकर 2 दिनों में 23 तारीख तक देव स्थान से कैंप हटाने का बात रखी थी.