कांकेर :जिला शिक्षा विभाग में प्रमोशन को लेकर गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. ऐसे आरोप है कि पैसों का लेनदेन करके जूनियर स्टाफ का प्रमोशन किया गया.इस गड़बड़ी की शिकायत हुई. जिसमें तत्कालीन डीईओ और बाबू को निलंबित किया गया है. वहीं मिरे से प्रभार लेने वाले तत्कालीन डीईओ टीआर साहू पर सेवानिवृत्ति के बाद भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
कब का है मामला : मामला 2022 का है. वर्तमान में जिला मिशन समन्वयक आरपी मिरे नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक डीईओ के रूप में तैनात थे. फरवरी में इनका तबादला कर डीपीसी बनाया गया. डीईओ का पद छोड़ने के अंतिम दिन ही 8 फरवरी 2022 को तत्कालीन डीईओ आरपी मिरे ने सुबह आनन फानन में 961 सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक के रूप में पदोन्नत करके सूची जारी की.
सीनियर सहायक शिक्षकों के नाम थे नदारद : डीईओ आरपी मिरे के इस सूची में कई सीनियर्स का नाम गायब था.वहीं इस लिस्ट में पचास से ज्यादा ऐसे स्कूल थे जिसमें दो-दो प्रधानपाठकों की नियुक्ति कर दी गई. पदोन्नति सूची और आदेश जारी करने के बाद आरपी मिरे ने कांकेर में ही डीपीसी का पद ग्रहण कर लिया.इधर एक ही स्कूल में दो-दो प्रधान पाठकों की नियुक्ति के मामले ने तूल पकड़ा.सीनियर सहायक शिक्षकों ने इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग से की.
जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई : लंबी जांच के बाद शिकायत को सही पाया गया. मामले में 13 अप्रैल को स्कूल शिक्षा विभाग के अपर सचिव आरपी वर्मा ने जांच की.जिसके बाद तत्कालीन डीईओ आरपी मिरे और जिला शिक्षा कार्यालय के तत्कालीन सहायक ग्रेड-3 विरेंद्र कुमार वट्टी को दोषी पाया गया.दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करते आरपी मिरे को संयुक्त संचालक शिक्षा के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर कार्यालय और बाबू विरेंद्र वट्टी को बीईओ कार्यालय कोयलीबेड़ा में अटैच किया है.
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दोबारा निकाली गई सूची लेकिन नहीं सुधरी गलती : छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग में जांच और कार्रवाई में देरी हुई. वहीं जब जून 2022 में दोबारा सूची निकाली गई तो उसमें भी सीनियर्स का नाम नहीं था. जिस पर जुलाई 2022 में सहायक शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इसमें सहायक शिक्षक सरिता ठाकुर और गायत्री नेताम ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी. फिलहाल हाईकोर्ट में मामला लंबित है. सेवानिवृत्त डीईओ टीआर साहू के खिलाफ भी अवर सचिव आरपी वर्मा ने लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक को पत्र लिखा है. शिकायत के बाद टीआर साहू के खिलाफ जांच जारी है.इस मामले में टीआर साहू का पेंशन भी रोका गया है.