कांकेर: भारत में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगभग तीन महीने का लॉकडाउन किया गया था. इस बीच मनरेगा के जॉब कार्डधारी मजदूरों को रोजगार गारंटी योजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों को काम देने का आदेश दिया गया था. ताकि गरीब मजदूर परिवारों को लॉकडाउन में रोजगार मिल सके, लेकिन पखांजूर क्षेत्र के मनरेगा मजदूरों ने पंचायत सचिव, सहायक सचिव, इंजीनियर और सरपंच पर मनरेगा के तहत कराये गए काम में मजदूरी गबन का आरोप लगाया है.
शनिवार दोपहर रविन्द्र नगर ग्राम पंचायत के लगभग 150 जॉब कार्डधारी मजदूर पखांजूर के कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के लिंक कार्यलय पहुंचे थे. जहां मजदूरों ने जनपद सीईओ भरोसा राम ठाकुर को लिखित शिकायत दी है. उनका कहना है कि पंचायत सचिव, सहायक सचिव, इंजीनियर और सरपंच की मिलीभगत से पंचायत में हुए सभी काम के बदले मजदूरी का भुगतान फर्जी मस्टररोल भरकर कर लिया गया है. जबकि मजदूरी करने वाले मजदूरों को एक रुपया भी अभी तक नहीं मिला है.
मजदूरों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास और शौचालय निर्माण का भुगतान अभी भी नहीं मिला है. जबकि कोयलीबेड़ा ब्लॉक विधानसभा चुनाव से पहले से ODF घोषित हो चुका है. सीईओ ने मामले में जांच का आश्वासन दिया है.
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पीड़ित जॉब कार्डधारी मजदूरों के आरोप पर जब जनपद पंचायत के सीईओ भरोसा राम ठाकुर से मीडिया ने सवाल पूछे तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.