कवर्धा: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त और सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जिले के जनपद पंचायत कवर्धा के ग्राम पंचायत बम्हनी में सब्जी उत्पादन के लिए पौधरोपण और देखभाल का काम लगातार चल रहा है. 10 एकड़ भूमि में हो रहे पौधरोपण को सात अलग-अलग महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है. 10 एकड़ की भूमि को 17 ब्लॉक में विभाजित करते हुए सात समूह से जुड़ी 70 महिलाएं सीधे लाभान्वित होंगी. 15 ब्लॉक में सब्जी उत्पादन करने के लिए सब्जियों के पौधे लगाने का कार्य चल रहा है.
एक ब्लॉक में नेपीयर घास के साथ मक्का, अन्तरवर्तीय फसल एवं एक ब्लॉक में तालाब बनाया गया है. अमिन माता स्व-सहायता समूह, जय मां भवानी स्व-सहायता समूह, जय मां गौरी स्व-सहायता समूह, विद्या स्व-सहायता समूह, मां सिद्धी स्व-सहायता समूह, जय मां चण्डी स्व-सहायता समूह एवं जय मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने टमाटर, मिर्ची, बैगन, फूल गोभी, बरबट्टी, करेला, गवार फल्ली, कुंदरू, तोराई, चिकनी तोराई, मूली, लौकी और शकरकंद लगाई है. साथ ही मेढ़ों पर आम, नींबू, कटहल, मुनगा, अमरूद, आंवला, जामुन के साथ अन्य फलदार पौधे लगाए गए हैं.
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पाइप की आवश्यकता को पूरा किया गया
जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए जाने के लिए लगातार विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में ग्राम बम्हनी की महिलाओं को सब्जी उत्पादन के कार्य से जोड़ा गया है. समूह कि महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर बाजार में बिक्री करते हुए लाभ अर्जीत करेंगे. बम्हनी फार्म में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की पहल पर कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन विभाग, वन विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र मिल कर कार्य कर रहें हैं. इसमें ग्राम पंचायत द्वारा भूमि सुधार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से करते हुए पानी निकासी के लिए पाइप की आवश्यकता को पूरा किया गया.
आर्थिक रूप से सक्षम
जिले की ग्राम राजानवागांव की तर्ज पर ग्राम बम्हनी की महिलाओं को सब्जी उत्पादन के साथ सुगंधित पौधे के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है. महिला समूह द्वारा इस परियोजना में अपनी ओर से बढ़-चढ़ कर कार्य करते हुए अपने खर्च पर ड्रीप सिंचाई कि व्यवस्था कराई गई. स्टेकिंग के लिए बांस के साथ निरन्तर खेतों में कार्य करने में लगभग 30-30 हजार रुपये ड्रीप स्थापना के लिए समूह द्वारा खर्च किए जाएंगे. शासन की योजनाओं का लाभ लेकर सब्जियों का विक्रय कर आर्थिक रूप से सक्षम होगी.