कवर्धा: पहली बार राष्ट्रीय तितली के चुनाव के लिए ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है. राष्ट्रीय तितली के चयन में सात प्रजातियों की तितलियां शामिल है, जिनमें से तीन प्रजातियां की तितलियां छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला स्तिथ भोरमदेव अभ्यारण में मौजूद हैं.
![voting for the selection of national butterfly for the first time in the country in kawardha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-national-butterfly-selection-foto-cg10015_01102020172204_0110f_1601553124_1045.jpg)
पहली बार राष्ट्रीय तितली का चयन
जिस प्रकार से देश में राष्ट्रीय पशु के लिए बाघ, राष्ट्रीय पक्षी के लिए मोर और राष्ट्रीय फल के लिए आम व पुष्प के लिए कमल को जाना जाता है, उसी प्रकार अब जल्द ही इस श्रृंख्ला में राष्ट्रीय तितली का नाम जुड़ने वाले है. राष्ट्रीय तितली के चुनाव के लिए ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. यह पहला अवसर होगा जब किसी राष्ट्रीय प्रतीक के चुनाव के लिए आम लोगों की अभिव्यक्ति को शामिल किया जा रहा है.
भोरमदेव अभ्यारण से चुनी गई 3 किस्म की तितलियां
![voting for the selection of national butterfly for the first time in the country in kawardha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-national-butterfly-selection-foto-cg10015_01102020172204_0110f_1601553124_1038.jpg)
8 अक्टूबर तक ऑनलाइन वोटिंग
![voting for the selection of national butterfly for the first time in the country in kawardha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kwd-national-butterfly-selection-foto-cg10015_01102020172204_0110f_1601553124_116.jpg)
भोरमदेव अभ्यारण में 90 से अधिक प्रजाति की तितलियां
वनमंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि अभ्यारण्य में 90 से अधिक प्रजाति की तितलियों का प्राकृतिक आवास है. यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं है. इस अभ्यारण में पाई जाने वाली तितलियों में ब्लू मॉरमॉन, स्टाफ सार्जंट, कमांडर, गोल्डन एंगल, ऑरेंज ओक लीफ, कॉमन माइम, ओरिएंटल चेस्टनट एंजल, एंगेल्ड पैरोट, कॉमन गल, कॉमन मॉर्मोन, चॉकलेट पेंसी, कैस्टर, कॉमन लेपर्ड, कॉमन वंडर्र, कॉमन जे, डेंगी बुश ब्राउन, ग्रेप पेनसी प्रमुख हैं. बरसात में तितलियों का समुह यहाँ बरसाती नालों के किनारे मड पडलिंग (तितलिया अपने शरीर की लवणों की जरूरतें मिटटी से पूरी करती है और उनकी इस क्रिया को मड पडलिंग कहा जाता है) करते हुए दिख जाती हैं. हाल ही में इस स्थान पर मध्य भारत में पाई गई एक नई प्रजाति स्पॉटेड एंगल देखने को मिली है. साथ ही इस चुनाव में सभी को अपना वोट करना चाहिए, अपने मोबाइल पर https%@@forms-gle@u7WgCuuGSYC9AgLG6 से लिंक राष्ट्रीय तितली के चयन में अपना अभिमत दे सकते है.