कवर्धा: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर ग्राम पंचायतें भी जागरूक होने लगी है. इस महामारी से बचने के लिए गांवों को सैनिटाइज किया जा रहा है. कवर्धी के नेउर गांव में स्प्रे, फॉगिंग, हवन, ब्लीचिंग पाऊडर छिड़कने का काम किया जा रहा है. यहां लोगों को मास्क भी बांटां जा रहा है. साथ ही गांव को लॉकडाउन कर दिया गया है, ताकि लोग आना-जाना न कर सके. नेउर ग्राम पंचायत के लोगों ने गांव में आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया है.
कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नेउर के सरपंच और ग्रमीणों ने अपने गांव की सीमाओं को सील कर दिया है. गांव से किसी को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है, न ही बाहर से किसी को गांव में प्रवेश करने दिया जा रहा है. सरपंच फूलबाई सोनी ने बताया कि बुजुर्गों और युवकों से सलाह मशविरा के बाद गांव की सीमाओं को बंद करने का फैसला किया गया है. आने-जाने वालों पर नजर भी रखी जा रही है. साथ ही ग्रामीणों से भी सहयोग की अपील की जा रही है.
टहनी और कांटों से बंद की सीमा
दरअसल, ग्राम पंचायत नेउर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीम पर है और कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर ग्रामीणों ने सड़कों को सील कर दिया है. अंतर्राज्यीय सीमा से वाहनों को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. तो ऐसे में बाहर के लोग मध्य प्रदेश से जंगल के रास्ते छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला में नेऊर गांव से होकर दाखिल हो रहे थे. जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ रही थी. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने सड़क पर पेड़ की टहनी काटकर रख दी और कांटे बिछाकर गांव को लॉकडाउन कर दिया.
सीमाओं की हो रही निगरानी
ग्रामीणों को भी गांव से बाहर न जाने की हिदायत दी जा रही है. साथ ही किसी बाहरी व्यक्ति को भी गांव में आने नहीं दिया जा रहा है. इस लिहाज से ग्रामीण समय-समय पर गांव की सीमाओं की निगरानी भी कर रहे हैं.