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कवर्धा: बारिश आते ही गांव का टूट जाता है मुख्य मार्ग से संपर्क, ग्रामीण कर रहे पुल की मांग

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Published : Oct 15, 2019, 3:48 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 3:57 PM IST

जिले के बोडला ब्लॉक के अकलघरिया और तुरैयाबहरा गांव में पूल का निर्माण नहीं होने से बारिश के दिनों में ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यहां थोड़ी बारिश से गांव का टूट जाता है मुख्य मार्ग से संपर्क

कवर्धा: कहते हैं जहां सड़क और पुल हो, वहां विकास का पहिया तेजी से चलता है, लेकिन जब गांव का संपर्क ही मुख्य मार्ग से टूट जाए तो विकास महज एक सपना बनकर रह जाता है.

पुल नहीं होने से ग्रामीणों को होती है परेशानी.

कुछ ऐसा ही हाल ही में बोडला ब्लॉक के अकलघरिया और तुरैयाबहरा गांव का है. यहां ग्रामीणों का कहना है कि, 'नेशनल हाईवे मार्ग से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में सड़क तो बनी है, लेकिन नदी में पुल नहीं बनाए जाने के कारण बारिश होते ही दोनों ही गांव का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है.'

बरसात में होती है परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि, 'इस वजह से गांव के स्कूली बच्चों के साथ ही लोगों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो पीड़ित को अस्पताल भी नहीं ले जा पाते हैं.'

वहीं रपटा की हालत भी खराब हो चुकी है, जिसके चलते नदी पार करते समय आए दिन हादसे होते रहते हैं. ग्रामीणों ने इस रपटा पर पुल बनाने की मांग की है.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस: सतरूपा ने जब औजार थामे, तो परिवार के दुख दूर हो गए

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
वहीं PWD के अधिकारी इसे हल्के में लेते रहें हैं और रपटा की रिपेयरिंग कर आवागमन सुगम करने की बात कह रहे हैं. जबकि दोनों गांव के ग्रामीणों को रपटा के जगह पुल की ज्यादा जरूरत है.

कवर्धा: कहते हैं जहां सड़क और पुल हो, वहां विकास का पहिया तेजी से चलता है, लेकिन जब गांव का संपर्क ही मुख्य मार्ग से टूट जाए तो विकास महज एक सपना बनकर रह जाता है.

पुल नहीं होने से ग्रामीणों को होती है परेशानी.

कुछ ऐसा ही हाल ही में बोडला ब्लॉक के अकलघरिया और तुरैयाबहरा गांव का है. यहां ग्रामीणों का कहना है कि, 'नेशनल हाईवे मार्ग से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में सड़क तो बनी है, लेकिन नदी में पुल नहीं बनाए जाने के कारण बारिश होते ही दोनों ही गांव का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है.'

बरसात में होती है परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि, 'इस वजह से गांव के स्कूली बच्चों के साथ ही लोगों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो पीड़ित को अस्पताल भी नहीं ले जा पाते हैं.'

वहीं रपटा की हालत भी खराब हो चुकी है, जिसके चलते नदी पार करते समय आए दिन हादसे होते रहते हैं. ग्रामीणों ने इस रपटा पर पुल बनाने की मांग की है.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस: सतरूपा ने जब औजार थामे, तो परिवार के दुख दूर हो गए

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
वहीं PWD के अधिकारी इसे हल्के में लेते रहें हैं और रपटा की रिपेयरिंग कर आवागमन सुगम करने की बात कह रहे हैं. जबकि दोनों गांव के ग्रामीणों को रपटा के जगह पुल की ज्यादा जरूरत है.

Intro:कहते हैं जहां सड़क और पुल हो वहां विकास का पहिया तेजी से चलता है, लेकिन जब गांव का संपर्क की मुख्य मार्ग से टूट जाए तो विकास के सपने सपना ही रह जाता है।

कुछ ऐसा ही हाल बोडला ब्लाक अंतर्गत अकलघरिया और तुरैयाबहरा गांव का है ग्रामीणों का कहना है कि नेशनल हाईवे मार्ग से 02 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में सड़क तो बनी है लेकिन नदी में पुल नहीं बनाए जाने के कारण बारिश होते हैं दोनों ही गांव के मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है, स्कूली बच्चे,शिक्षक, कर्मचारी, दिनचर्या के लिए गुजर-बसर करने वाले लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है, उसके अलावा खास बात है कि दोनों गांव में यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल तक नही ले जा पाते हैं।


Body:वहीं रपटा की हालत भी जीर्ण हो चुकी है, जिसके चलते नदी पार करते समय आए दिन हादसे होती रहती है ,ग्रामीणों ने इस रपटा पर पुल बनाने की मांग किया है। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इसे हल्के में लेते रहें हैं ,और रपटा की रिपेयरिंग करके आवागमन सुगम करने की बात कह रहे हैं, जबकि दोनों गांव के ग्रामीण को रपटा के जगह पुल की अति आवश्यकता है। अब देखना होगा कि ग्रामीण के लिए इस नदी पर क्या व्यवस्था की जाती है।


Conclusion:बाइट01- दिनेश पोर्ते,ग्रामीण
बाइट02 सुरेश पोर्ते, ग्रामीण
बाइट03 कोमल सिंह, ग्रामीण
बाइट04 माधेश्वर प्रशाद, ईई पीडब्ल्यूडी
Last Updated : Oct 15, 2019, 3:57 PM IST
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