कवर्धा: जिले के वनवासियों को चार बीज का उचित दाम नहीं मिल रहा हैं, जिससे वनवासी बीज को सस्ते दाम पर बिचौलियों के पास बेचने को मजबूर हैं. वन विभाग लघु वनोपज के तहत उचित दाम में खरीदने का प्रावधान है फिर भी विभाग ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे इलाके के वनवासियों को अपने हक की राशि नसीब नहीं हो रही है.
सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर
दरअसल, कवर्धा जिला वनों से घिरा हुआ है और इन वनों में रहने वाले ज्यादातर लोग आदिवासी बैगा जनजाति के हैं. इनमें ज्यादातर लोग अशिक्षित हैं. उनके जीविका का साधन वनोपज है. वे अपने परिवार का पालन-पोषण वनों में सीजन के अनुसार मिलने वाली वनोपज से करते हैं, जिसमें से चार बीज, महुआ, लाख और भी अन्य वनोपज हैं. वन विभाग की लापरवाही से वनवासियों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है, जिससे वनोपज को सस्ते दामों पर कोचियों को बेचने को मजबूर हैं.
वन विभाग की लापरवाही
बता दें कि इन वनवासियों के पास जीवन यापन करने और दो वक्त की रोटी के लिए वनोपज ही एक सहारा है. भोले-भाले वनवासियों को सक्रिय बिचौलिए ठग कर ले जाते हैं. वहीं वन विभाग भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिससे वनवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.