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Success Story of CGPSC : मजदूर का बेटा बना जेल अधीक्षक, नौकरी से समय निकालकर की पढ़ाई

Success Story of CGPSC मेहनत यदि लगन से की जाए तो उसका परिणाम खाली नहीं जाता.ऐसा ही कुछ कर दिखाया है ओमप्रकाश साहू ने .जिन्होंने सीजीपीएससी की परीक्षा पास की है.आपको बता दें कि ओमप्रकाश साहू के पिता एक मजदूर हैं. Laborer son became jail superintendent

Success Story of CGPSC
मजदूर का बेटा बना जेल अधीक्षक
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 7, 2023, 11:10 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 11:40 PM IST

मजदूर का बेटा बना जेल अधीक्षक

पंडरिया : कबीरधाम जिले के पंडरिया विकासखंड के पंवरजली गांव के रहने वाले गरीब मजदूर के बेटे ओमप्रकाश ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा पास करके ओम प्रकाश साहू जेल अधीक्षक बने हैं. ओमप्रकाश ने अपनी मेहनत के बूते अपने मजदूर माता पिता के नाम को रोशन किया है.

मेहनत से पाया मुकाम : ओमप्रकाश अपने माता पिता का बड़ा बेटा है. उसके बाद उसका एक छोटा भाई और एक बहन भी है. ओमप्रकाश बचपन से ही अपने माता-पिता को रोजी मजदूरी करते देखता थे.इसी के बाद ओमप्रकाश ने ठाना कि कुछ कर दिखाना है.आज ओमप्रकाश का सपना पूरा हो गया. सीजीपीएससी की परीक्षा पास करके ओम प्रकाश ने जेल अधीक्षक का पद हासिल किया है.



परिवार गरीब लेकिन इरादे बड़े : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा पास कर जेल अधीक्षक बनने वाले ओमप्रकाश साहू के मुताबिक परिवार गरीब था.इसलिए पढ़ने में उतना ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता था. दूसरों के खेतों में काम करके पिता घर का खर्च चलाते थे. इसलिए पहले ओमप्रकाश ने भी जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी करनी शुरु की.लेकिन एक दिन ओमप्रकाश के पिता ने कहा कि तुम्हें मजदूर नहीं बनना है. इसलिए पिता ने जितने भी पैसे थे उसे जमा करके शहर पढ़ाई के लिए भेजा.

नौकरी और पढ़ाई साथ-साथ : भिलाई में पढ़ाई के बाद ओमप्रकाश दिल्ली गए.इसके बाद दिल्ली में पढ़ाई की. पढ़ाई में लगने वाले पैसों के लिए ओमप्रकाश के पिता ने खेत बेचा और इन्हीं पैसों से ओमप्रकाश ने पढ़ाई पूरी की. ओमप्रकाश ने 2018 में पहली बार सीजीपीएससी का पेपर दिया था.लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.इसके बाद दिल्ली में रहकर ओमप्रकाश ने छोटी सी नौकरी की. फिर समय निकालकर सीजीपीएससी की तैयारी की.जिसका नतीजा आज सभी के सामने है.

''एक छोटी सी नौकरी करके पैसे की कमी को दूर करते हुए रोजाना 6 से 8 घंटे तैयारी की. दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने के बाद CGPSC की तैयारी करने लगा. तैयारी के दौरान सोशल मीडिया का बहुत कम इस्तेमाल किया.'' ओम प्रकाश साहू, चयनित जेल अधीक्षक

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परिवार का मिला सहयोग: ओमप्रकाश, कबीरधाम के एक संयुक्त परिवार के रहने वाला है.पढ़ाई और तैयारी के दौरान कभी भी पिता ने पैसों की कमी बताकर ओमप्रकाश का हौसला नहीं तोड़ा.बल्कि हर कदम पर साथ खड़े रहे.वहीं ओमप्रकाश ने भी अपने पिता के अरमानों को पूरा करके उन्हें सबसे बड़ा तोहफा दिया है.

मजदूर का बेटा बना जेल अधीक्षक

पंडरिया : कबीरधाम जिले के पंडरिया विकासखंड के पंवरजली गांव के रहने वाले गरीब मजदूर के बेटे ओमप्रकाश ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा पास करके ओम प्रकाश साहू जेल अधीक्षक बने हैं. ओमप्रकाश ने अपनी मेहनत के बूते अपने मजदूर माता पिता के नाम को रोशन किया है.

मेहनत से पाया मुकाम : ओमप्रकाश अपने माता पिता का बड़ा बेटा है. उसके बाद उसका एक छोटा भाई और एक बहन भी है. ओमप्रकाश बचपन से ही अपने माता-पिता को रोजी मजदूरी करते देखता थे.इसी के बाद ओमप्रकाश ने ठाना कि कुछ कर दिखाना है.आज ओमप्रकाश का सपना पूरा हो गया. सीजीपीएससी की परीक्षा पास करके ओम प्रकाश ने जेल अधीक्षक का पद हासिल किया है.



परिवार गरीब लेकिन इरादे बड़े : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा पास कर जेल अधीक्षक बनने वाले ओमप्रकाश साहू के मुताबिक परिवार गरीब था.इसलिए पढ़ने में उतना ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता था. दूसरों के खेतों में काम करके पिता घर का खर्च चलाते थे. इसलिए पहले ओमप्रकाश ने भी जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी करनी शुरु की.लेकिन एक दिन ओमप्रकाश के पिता ने कहा कि तुम्हें मजदूर नहीं बनना है. इसलिए पिता ने जितने भी पैसे थे उसे जमा करके शहर पढ़ाई के लिए भेजा.

नौकरी और पढ़ाई साथ-साथ : भिलाई में पढ़ाई के बाद ओमप्रकाश दिल्ली गए.इसके बाद दिल्ली में पढ़ाई की. पढ़ाई में लगने वाले पैसों के लिए ओमप्रकाश के पिता ने खेत बेचा और इन्हीं पैसों से ओमप्रकाश ने पढ़ाई पूरी की. ओमप्रकाश ने 2018 में पहली बार सीजीपीएससी का पेपर दिया था.लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.इसके बाद दिल्ली में रहकर ओमप्रकाश ने छोटी सी नौकरी की. फिर समय निकालकर सीजीपीएससी की तैयारी की.जिसका नतीजा आज सभी के सामने है.

''एक छोटी सी नौकरी करके पैसे की कमी को दूर करते हुए रोजाना 6 से 8 घंटे तैयारी की. दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने के बाद CGPSC की तैयारी करने लगा. तैयारी के दौरान सोशल मीडिया का बहुत कम इस्तेमाल किया.'' ओम प्रकाश साहू, चयनित जेल अधीक्षक

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परिवार का मिला सहयोग: ओमप्रकाश, कबीरधाम के एक संयुक्त परिवार के रहने वाला है.पढ़ाई और तैयारी के दौरान कभी भी पिता ने पैसों की कमी बताकर ओमप्रकाश का हौसला नहीं तोड़ा.बल्कि हर कदम पर साथ खड़े रहे.वहीं ओमप्रकाश ने भी अपने पिता के अरमानों को पूरा करके उन्हें सबसे बड़ा तोहफा दिया है.

Last Updated : Sep 7, 2023, 11:40 PM IST
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