कवर्धा: बताया जा रहा कि पिता पंचराम पिछले एक वर्ष से बीमार रह रहा था. घर की माली स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी. इलाज करते करते बचा पैसा भी खत्म हो गया था. इस बात से परेशान होकर पंचराम निषाद अपने घर के कमरे में छत के हुक में फांसी लगाकर आत्महत्या ली.
यह है पूरा मामला: पिता के मौत के बाद मृतक का बेटा और बेटी घर आऐ तो पिता को फांसी पर झूलता देख घबरा गए. जिसके बाद बेटे ने रोते बिलखते हुए अपनी बहन को मां और रिश्तेदारों को बुलाने के लिए भेजा. जब बहन घर से चली गई. तब बेटे दयालु निषाद ने भी अपने पिता के बगल मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जिसके बाद जब परिजन आये तो बाप और बेटे दोनों को फांसी पर झूलता पाया.
गांव में छाया मातम: घटना की खबर देखते ही देखते पूरे गांव में फैल गई. पूरे गांव में मातम फैल गया. मृतक की दो बेटी और एक बेटा था. घर का इकलौता बेटा भी अब इस दुनिया में नहीं रहा उसने अपने पिता के बाद फांसी लगा ली. अब मां और दो बेटियां ही घर में बच गई हैं. घर के दोनों जिम्मेदारों की मौत के बाद परिवार का भरणपोषण करने वाला भी कोई नहीं है.
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा : लोहारा थाना प्रभारी मुकेश यादव ने बताया कि "बिरनपुर गांव में पिता और पुत्र दोनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है. परिजनों के बयान के अनुसार मृतक पिता पंचराम निषाद पिछले एक वर्ष से बीमारी से परेशान था. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद से घर के मुखिया ने जान दे दी." पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.