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बाबा गुरुघासीदास जयंती पर निकाली गई शोभा यात्रा

कवर्धा के पंडरिया में बाबा गुरुघासीदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई.

Shobha Yatra on Baba Gurughasidas Jayanti in kabirdham
शोभा यात्रा
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Published : Dec 18, 2019, 6:45 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 7:48 PM IST

पंडरिया/ कवर्धा: संत बाबा गुरुघासीदास की 263 वीं जयंती नगर में धूमधाम से मनाई गई. कुंडा में सतनामी समाज ने जयंती के मौके पर शोभा यात्रा निकाली गई.

निकाली गई शोभा यात्रा

'मनखे-मनखे एक समान' और 'सत्य ही मानव का आभूषण है' जैसे संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने वाले गुरुघासीदास की जयंती समाज के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाई और उनके विचारों को याद किया.

दिया 'मनखे-मनखे एक समान' का संदेश

बाबा गुरुघासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को कसडोल ब्लॉक के गिरौदपुरी में हुआ था. बाबा गुरुघासीदास जी का जन्म के समय समाज में सामाजिक अराजकता और छुआ-छूत चरम सीमा पर था. बाबा गुरुघासीदास ने समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने का प्रयास किया और 'मनखे-मनखे एक समान' का संदेश दिया.

पढ़ें :गुरु घासीदास जयंती : गिरौदपुरी के 'कण-कण में हैं बाबा', जैतखाम से गूंज रहा 'मनखे-मनखे एक समान'

सतनाम पंथ की स्थापना

बाबा गुरुघासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की और समाज में लोगों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करने का बीड़ा उठाया. उन्होंने गिरौदपुरी में कई अलौकिक कार्य किए.

किया जाता है पंथी नृत्य

बाबा गुरुघासीदास को सतनामी समाज भगवान की तरह पूजता है. हर साल 18 दिसंबर को पूरा सतनामी समाज छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम से इस पर्व को मनाता है. कार्यक्रम के दौरान पंथी नृत्य भी किया जाता है.

पंडरिया/ कवर्धा: संत बाबा गुरुघासीदास की 263 वीं जयंती नगर में धूमधाम से मनाई गई. कुंडा में सतनामी समाज ने जयंती के मौके पर शोभा यात्रा निकाली गई.

निकाली गई शोभा यात्रा

'मनखे-मनखे एक समान' और 'सत्य ही मानव का आभूषण है' जैसे संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने वाले गुरुघासीदास की जयंती समाज के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाई और उनके विचारों को याद किया.

दिया 'मनखे-मनखे एक समान' का संदेश

बाबा गुरुघासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को कसडोल ब्लॉक के गिरौदपुरी में हुआ था. बाबा गुरुघासीदास जी का जन्म के समय समाज में सामाजिक अराजकता और छुआ-छूत चरम सीमा पर था. बाबा गुरुघासीदास ने समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने का प्रयास किया और 'मनखे-मनखे एक समान' का संदेश दिया.

पढ़ें :गुरु घासीदास जयंती : गिरौदपुरी के 'कण-कण में हैं बाबा', जैतखाम से गूंज रहा 'मनखे-मनखे एक समान'

सतनाम पंथ की स्थापना

बाबा गुरुघासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की और समाज में लोगों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करने का बीड़ा उठाया. उन्होंने गिरौदपुरी में कई अलौकिक कार्य किए.

किया जाता है पंथी नृत्य

बाबा गुरुघासीदास को सतनामी समाज भगवान की तरह पूजता है. हर साल 18 दिसंबर को पूरा सतनामी समाज छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम से इस पर्व को मनाता है. कार्यक्रम के दौरान पंथी नृत्य भी किया जाता है.

Intro:बाबा गुरुघसीदास जी की 263 वी जयंती

शोभा यात्रा रैली निकाल कर बड़े ही धूमधाम से बाबा का जानती मनाया गया

Body:
पंडरिया ( कवर्धा)-पंडरिया नगर सहित ग्रामीण छेत्रों में आज बड़े धूमधाम से नगर में संत शिरोमणि बाबा गुरुघसीदास जी की 263 वी जयंती मनाई आज कुन्डा में सतनामी समाज के द्वारा डीजे बजे के साथ शोभा यात्रा रैली निकाल कर बड़े ही धूमधाम से बाबा का जानती मनाया गया

मनखे मनखे एक समान और सत्य ही मानव का आभूषण है का सन्देश जन जन तक पहुचाने वाले गुरुघसीदास जी की 263 वी जयंती आज कुन्डा में सतनामी समाज के द्वारा डीजे बजे के साथ शोभा यात्रा रैली निकाल कर बड़े ही धूमधाम से बाबा का जानती मनाया गया बाबा गुरुघसीदास का जन्म सन 18 दिसम्बर 1756 को कसडोल ब्लॉक के गिरौदपुरी धाम में हुआ था,बाबा गुरुघसीदास जी का जन्म जब हुआ था तब समाज में सामाजिक अराजकता और छुवा छूत अपने चरम सीमा पर था,कहा जाता है कि बाबा गुरुघसीदास अलौकिक शक्तियों के साथ जन्मे थे और उन्होंने गिरौदपुरी में कई अलौकिक कार्य किये बाबा गुरुघसीदास को सतनामी समाज भगवान की तरह पूजता है,हर साल 18 दिसम्बर को पूरे सतनामी समाज छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम से ईस पर्व को मनाते है बाबा गुरुघसीदास जी की जयंती के अवसर पर सतनामी ज़माज के द्वारा नगर भर्म्रर चोकपूजा आरती करके झंड़ा रोहण में स्वेत पालो बाबा गुरुघसीदास जी के जैतखाम पर चढ़ाया जाता है कर्यक्रम में पंथी नित्य किया जाता है
Conclusion:बाईट-पुजारी (सतनामी समाज )
बाईट- विसेन कुर्रे
Last Updated : Dec 18, 2019, 7:48 PM IST
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