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कवर्धा को 'शांत' करने आज भाईचारे का संदेश देगी शांति समिति - Ruckus between two sides in Kawardha

कवर्धा में हालात सुधारने पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है. अब तक दो बार शांति समिति की बैठक हो चुकी है. 7 अक्टूबर को दूसरी बार कलेक्टर सभागार में शांति समिति की बैठक (Peace committee meeting ) में इस बात पर जोर दिया गया कि समाज के लोग एकजुटता दिखाते हुए 8 अक्टूबर को शहर में घूमकर भाईचारे का संदेश देंगे.

Peace committee meeting
कवर्धा
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Published : Oct 7, 2021, 9:53 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 8:15 AM IST

कवर्धा: 3 अक्टूबर को कवर्धा में हुए विवाद में राजनीतिक तूल की वजह से मामला बिगड़ता जा रहा है. शहर में लोगों को अब तक करोड़ों का नुकसान हो रहा है. प्रशासन ने हालात को देखते हुए 3 अक्टूबर को धारा 144 तो लागू दी. बावजूद इसके उपद्रवियों ने उसी दिन रात को कुछ मौहल्लों को टारगेट कर नारेबाजी और पथराव किया. जिसके बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक दो बार शांति समिति की बैठक भी बुलाई जा चुकी है. जिसमें 8 अक्टूबर को शहर में घूमकर शांति संदेश फैलाने पर एकराय बनी है.

विहिप ने निकाली रैली

3 अक्टूबर को दो पक्षों में हुए विवाद के बाद पुलिस ने 70 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार के बाद मामले में राजनीतिक तूल देते हुए 5 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद ने चक्काजाम और रैली निकाली. जिसका नेतृत्व सांसद संतोष पांडे और पूर्व सासंद अभिषेक सिंह के नेतृत्व में किया गया. रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. जिसमें दूसरे जिले के लोग भी शामिल रहे.

कवर्धा में अब भी सामान्य नहीं हुए हालात

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग

शहर में आदर्शनगर, दर्रीपारा, घोटिया रोड, नवा मोहल्ला में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. जिसमें दर्जनों, कार, बाइक, मकान, दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी का प्रयास किया. हालात को देखते हुए कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने नगर पालिका क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया. इस दौरान हल्का बल को प्रयोग करते हुए पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल किया.

गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए धरने पर बैठे बीजेपी नेता

गिरफ्तार हुए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, कृष्णमूर्ती बांधी कवर्धा पहुंचे और बीजेपी कार्यालय में सांसद संतोष पांडेय के साथ बैठक की. इसके बाद सर्किट हाउस में करीब 2 घंटे तक कलेक्टर और एसपी के साथ बैठक चली और कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने की इजाजत मांगी.

जेल भरो आंदोलन

प्रशासन ने कर्फ्य और बेकाबू हालात को देखते हुए बीजेपी नेताओं को कार्यकर्ताओं से मिलने की इजाजत नहीं दी. जिसके बाद बीजेपी नेता सर्किट हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करके वापस रायपुर लौट आए. 7 अक्टूबर को विहिप ने जेल भरो आंदोलन किया. जिसमें जिले के लोहारा पंडरिया, बोरला, चिल्फी, कुंडा समेत सभी थानों में लगभग 2 हजार कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा ने दशरंगपुर चौकी में अपनी गिरफ्तारी देते हुए ADG विवेकानंद सिन्हा (ADG Vivekananda Sinha) के उस बयान का विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बाहर के लोगों ने कवर्धा का माहौल खराब किया है. बीजेपी नेताओं ने सिन्हा को दुर्ग रेंज से हटाने और FIR को लेकर ज्ञापन सौंपा.

कवर्धा में क्यों धरने पर बैठ गए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

3 अक्टूबर की घटना के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस बल को बुलाया गया. जिसमें 1500 पुलिस जवान हैं. 5 SP, IG, ADG भी मौजूद रहे. समय समय पर DGP भी कवर्धा पहुंचे और हालात का जायजा लिया. शहर में तीन दिनों से कर्फ्यू लगने के कारण सब्जी, दूध, राशन और सभी दुकानें बंद है. लोगों को अति आवाश्यक चीजें भी नहीं मिल पा रही है. नवरात्रि भी शुरू हो चुकी है. लेकिन कर्फ्यू की वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

शांति समिति की बैठक

7 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने दूसरी बार कलेक्टर सभागार में शांति समिति की बैठक बुलाई. जिससे जिले के सभी समाजों के प्रमुख, नेता, जनप्रतिनिधि और पत्रकार शामिल हुए. जिसमें सभी समाज के लोगों की ओर से हालात को ठीक करने के लिए सुझाव दिया गया. साथ ही सभी समाज के लोग एकजुटता दिखाते हुए 8 अक्टूबर को शहर में घूमकर भाईचारे का संदेश देंगे.

धर्मनगरी कहे जाने वाले कबीरधाम में कुछ असामजिक तत्वों के चलते शहर में पहली बार इस तरह की स्थिति बनी जिसे समाज के लोगों ने काफी निंदा की और राजनीतिक पक्षों से निवेदन किया कि इन दंगों और विवादों को खत्म कर मामले को लेकर राजनीति ना करें.

कवर्धा: 3 अक्टूबर को कवर्धा में हुए विवाद में राजनीतिक तूल की वजह से मामला बिगड़ता जा रहा है. शहर में लोगों को अब तक करोड़ों का नुकसान हो रहा है. प्रशासन ने हालात को देखते हुए 3 अक्टूबर को धारा 144 तो लागू दी. बावजूद इसके उपद्रवियों ने उसी दिन रात को कुछ मौहल्लों को टारगेट कर नारेबाजी और पथराव किया. जिसके बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक दो बार शांति समिति की बैठक भी बुलाई जा चुकी है. जिसमें 8 अक्टूबर को शहर में घूमकर शांति संदेश फैलाने पर एकराय बनी है.

विहिप ने निकाली रैली

3 अक्टूबर को दो पक्षों में हुए विवाद के बाद पुलिस ने 70 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार के बाद मामले में राजनीतिक तूल देते हुए 5 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद ने चक्काजाम और रैली निकाली. जिसका नेतृत्व सांसद संतोष पांडे और पूर्व सासंद अभिषेक सिंह के नेतृत्व में किया गया. रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. जिसमें दूसरे जिले के लोग भी शामिल रहे.

कवर्धा में अब भी सामान्य नहीं हुए हालात

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग

शहर में आदर्शनगर, दर्रीपारा, घोटिया रोड, नवा मोहल्ला में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. जिसमें दर्जनों, कार, बाइक, मकान, दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी का प्रयास किया. हालात को देखते हुए कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने नगर पालिका क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया. इस दौरान हल्का बल को प्रयोग करते हुए पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल किया.

गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए धरने पर बैठे बीजेपी नेता

गिरफ्तार हुए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, कृष्णमूर्ती बांधी कवर्धा पहुंचे और बीजेपी कार्यालय में सांसद संतोष पांडेय के साथ बैठक की. इसके बाद सर्किट हाउस में करीब 2 घंटे तक कलेक्टर और एसपी के साथ बैठक चली और कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने की इजाजत मांगी.

जेल भरो आंदोलन

प्रशासन ने कर्फ्य और बेकाबू हालात को देखते हुए बीजेपी नेताओं को कार्यकर्ताओं से मिलने की इजाजत नहीं दी. जिसके बाद बीजेपी नेता सर्किट हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करके वापस रायपुर लौट आए. 7 अक्टूबर को विहिप ने जेल भरो आंदोलन किया. जिसमें जिले के लोहारा पंडरिया, बोरला, चिल्फी, कुंडा समेत सभी थानों में लगभग 2 हजार कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा ने दशरंगपुर चौकी में अपनी गिरफ्तारी देते हुए ADG विवेकानंद सिन्हा (ADG Vivekananda Sinha) के उस बयान का विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बाहर के लोगों ने कवर्धा का माहौल खराब किया है. बीजेपी नेताओं ने सिन्हा को दुर्ग रेंज से हटाने और FIR को लेकर ज्ञापन सौंपा.

कवर्धा में क्यों धरने पर बैठ गए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

3 अक्टूबर की घटना के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस बल को बुलाया गया. जिसमें 1500 पुलिस जवान हैं. 5 SP, IG, ADG भी मौजूद रहे. समय समय पर DGP भी कवर्धा पहुंचे और हालात का जायजा लिया. शहर में तीन दिनों से कर्फ्यू लगने के कारण सब्जी, दूध, राशन और सभी दुकानें बंद है. लोगों को अति आवाश्यक चीजें भी नहीं मिल पा रही है. नवरात्रि भी शुरू हो चुकी है. लेकिन कर्फ्यू की वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

शांति समिति की बैठक

7 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने दूसरी बार कलेक्टर सभागार में शांति समिति की बैठक बुलाई. जिससे जिले के सभी समाजों के प्रमुख, नेता, जनप्रतिनिधि और पत्रकार शामिल हुए. जिसमें सभी समाज के लोगों की ओर से हालात को ठीक करने के लिए सुझाव दिया गया. साथ ही सभी समाज के लोग एकजुटता दिखाते हुए 8 अक्टूबर को शहर में घूमकर भाईचारे का संदेश देंगे.

धर्मनगरी कहे जाने वाले कबीरधाम में कुछ असामजिक तत्वों के चलते शहर में पहली बार इस तरह की स्थिति बनी जिसे समाज के लोगों ने काफी निंदा की और राजनीतिक पक्षों से निवेदन किया कि इन दंगों और विवादों को खत्म कर मामले को लेकर राजनीति ना करें.

Last Updated : Oct 8, 2021, 8:15 AM IST
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