कवर्धा: बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ गई. जिले के सिटी कोतवाली थाना इलाके में एक गर्भवती महिला की मौत हाईटेंशन तार की चपेट में आकर हो गई. महिला अपने किराना दुकान में बैठी हुई थी, इसी दौरान बारिश के चलते हाईटेंशन तार टूटकर दुकान के सामने गिर गया. घटना सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत साधना नगर के खुटू रोड की है. बिजली का तार गिरने की जानकारी तुरंत बिजली विभाग को दी गई, लेकिन उसने करंट सप्लाई बंद नहीं किया और महिला करंट की चपेट मे आ गई. इससे उसकी मौकै पर ही मौत हो गई.
एक साल का वेतन सीएम राहत कोष में दान देने वाले आरक्षक की करंट लगने से मौत
विभाग ने करंट की सप्लाई नहीं की थी बंद
दुर्घटना के आधे घंटे बाद बवाल के बाद करंट सप्लाई बंद किया गया, तब महिला के परिजन पास आए. माहौल बिगड़ता देख तत्काल घटनास्थल पर पुलिस बल की तैनाती कर लोगों को शांत किया गया. दुर्घटना के बाद परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं लोगों में आक्रोश है. जिले में विभाग की मनमानी के चलते रोजाना बिजली की आंखमिचौली से वैसे भी लोग परेशान हैं, अब विभाग की लापरवाही ने एक महिला की जान भी ले ली है.
बेमेतरा में करंट की चपेट में आने से 8 मवेशियों की मौत
बताया जा रहा रहा है मृतका 5 महीने की गर्भवती थी. उसके पहले से दो बच्चे हैं. विभाग की लापरवाही ने मासूम बच्चों से उनकी मां छीन ली. फिलहाल महिला के शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. ETV भारत ने बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से फोन से जानकारी लेनी चाही, तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने फोन नहीं उठाया.
लगातार करंट से मौत के मामले आ रहे सामने
इसी महीने बेमेतरा जिले में करंट की चपेट में आने से मवेशियों की मौत (Cattle die due to electrocution) का मामला सामने आया था. जिले के मोहरेंगा गांव में करंट लगने से 8 मवेशियों की मौत हो गई थी.
जशपुर में करंट की चपेट में आने से ग्रामीण की मौत
इससे पहले मई में जशपुर के बागबाहर थाना क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से एक ग्रामीण की दर्दनाक मौत हो गई. मृतक कुएं की सफाई के लिए पंप से पानी निकाल रहा था. इस दौरान करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई.
मई में ही जांजगीर-चांपा के केरा रोड पर हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से आरक्षक की मौत हो गई थी. आरक्षक का नाम पुष्पराज सिंह था. आरक्षक पुष्पराज सिंह पिछले साल कोरोना काल में अपने 12 महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर चर्चा में आए थे. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने उनकी तारीफ की थी.