कवर्धा: जिले में मौजूद पेट्रोलिंग कैंप देखरेख के अभाव और कर्मचारी के मौजूद नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गए हैं.
अधिकांश हिस्सा वन से घिरा होने के कारण यहां प्रचुर मात्रा में वनोपज और बेशकीमती वृक्षों के अलावा अनेक वन्य प्राणी मौजूद हैं, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन-विभाग के पास है. इसके लिए जिले के वनांचल इलाके में कई पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव और कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण अधिकांश कैंप खंडहर में तब्दील हो गए हैं. यही कारण है कि इस इलाके में वन तस्करों की हौसले बुलंद हैं.
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिला और जंगल में रहने वाले वन प्राणी सुरक्षित नहीं हैं. दरअसल इनको सुरक्षित रखने के लिए कई इलाकों में वन-विभाग ने पेट्रोलिंग कैंप का निर्माण किया था और कैंप में गस्त करने वाले वन कर्मचारियों को भी पदस्थ करना था, लेकिन जिले के अधिकांश कैंप पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए हैं.
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कैंप में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण, वन तस्कर भी आसानी ने पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, इसके साथ ही गस्त के अभाव में वन्यजीवों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है.