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पेट्रोलिंग कैंप खंडहर में तब्दील, इलाके में सक्रीय हुए वन तस्कर

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Published : Sep 18, 2019, 8:12 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 9:20 PM IST

अधिकांश कैंप खंडहर में तब्दील हो गए हैं. जिला वन मंडल अधिकारी अब जांच कर सभी पेट्रोलिंग कैंप की हालात जल्द सुधारने की बात कह रहे हैं.

पेट्रोलिंग कैंप खंडहर में तब्दील

कवर्धा: जिले में मौजूद पेट्रोलिंग कैंप देखरेख के अभाव और कर्मचारी के मौजूद नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गए हैं.

पेट्रोलिंग कैंप खंडहर में तब्दील, इलाके में सक्रीय हुए वन तस्कर

अधिकांश हिस्सा वन से घिरा होने के कारण यहां प्रचुर मात्रा में वनोपज और बेशकीमती वृक्षों के अलावा अनेक वन्य प्राणी मौजूद हैं, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन-विभाग के पास है. इसके लिए जिले के वनांचल इलाके में कई पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव और कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण अधिकांश कैंप खंडहर में तब्दील हो गए हैं. यही कारण है कि इस इलाके में वन तस्करों की हौसले बुलंद हैं.

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिला और जंगल में रहने वाले वन प्राणी सुरक्षित नहीं हैं. दरअसल इनको सुरक्षित रखने के लिए कई इलाकों में वन-विभाग ने पेट्रोलिंग कैंप का निर्माण किया था और कैंप में गस्त करने वाले वन कर्मचारियों को भी पदस्थ करना था, लेकिन जिले के अधिकांश कैंप पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए हैं.

पढ़ें- कवर्धा: जोराताल पशु चिकित्सा इकाई बना सफेद हाथी, नहीं हैं डॉक्टर

कैंप में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण, वन तस्कर भी आसानी ने पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, इसके साथ ही गस्त के अभाव में वन्यजीवों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है.

कवर्धा: जिले में मौजूद पेट्रोलिंग कैंप देखरेख के अभाव और कर्मचारी के मौजूद नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गए हैं.

पेट्रोलिंग कैंप खंडहर में तब्दील, इलाके में सक्रीय हुए वन तस्कर

अधिकांश हिस्सा वन से घिरा होने के कारण यहां प्रचुर मात्रा में वनोपज और बेशकीमती वृक्षों के अलावा अनेक वन्य प्राणी मौजूद हैं, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन-विभाग के पास है. इसके लिए जिले के वनांचल इलाके में कई पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव और कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण अधिकांश कैंप खंडहर में तब्दील हो गए हैं. यही कारण है कि इस इलाके में वन तस्करों की हौसले बुलंद हैं.

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिला और जंगल में रहने वाले वन प्राणी सुरक्षित नहीं हैं. दरअसल इनको सुरक्षित रखने के लिए कई इलाकों में वन-विभाग ने पेट्रोलिंग कैंप का निर्माण किया था और कैंप में गस्त करने वाले वन कर्मचारियों को भी पदस्थ करना था, लेकिन जिले के अधिकांश कैंप पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए हैं.

पढ़ें- कवर्धा: जोराताल पशु चिकित्सा इकाई बना सफेद हाथी, नहीं हैं डॉक्टर

कैंप में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण, वन तस्कर भी आसानी ने पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, इसके साथ ही गस्त के अभाव में वन्यजीवों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है.

Intro:कवर्धा जिले का अधिकांश हिस्सा वनों से घिरा हुआ होने के कारण यहां प्रचुर मात्रा में वनोपज व बेशकीमती वृक्षों के अलावा अनेक वन्य प्राणी मौजूद है, और इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन- विभाग करती है, जिसके लिए जिले के वनांचल इलाके में कई पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव और कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण अधिकांश कैंप खंडहर में तब्दील हो गए हैं। यही कारण है कि वन तस्करों की हौसले बुलंद हो गए हैं



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एंकर- छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिला और जंगल और जंगल में रहने वाले वन प्राणी सुरक्षित नहीं है। दरअसल इनको सुरक्षित रखने के लिए कई इलाकों में वन-विभाग पेट्रोलिंग कैंप का निर्माण किया था, और कैंप में गस्ती करने वाले वन कर्मचारियों को भी पदस्थ करना था। लेकिन जिले के अधिकांश कैंप पूरी तरह खंडहर में बदल गए हैं और कैंप में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने के कारण वन तश्करो को अपना काम करने मे आसानी हो रही है। और गस्ती के अभाव में वन्यजीवों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है ।




Conclusion:वहीं इस मामले में अनजान जिला वन मंडल अधिकारी अब जांच कर सभी पेट्रोलिंग कैंप की हालात जल्द सुधारने की बात कह रही है ।

बाइट 01 दिलराज प्रभाकर डीएफओ कवर्धा
Last Updated : Sep 18, 2019, 9:20 PM IST
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