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अब अंतागढ़ को जिला बनाने की उठी मांग, कांग्रेस विधायक का मिला समर्थन

सरकार द्वारा पेंड्रा-गौरेला-मरवाही को जिला बनाने की घोषणा के बाद कई भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग उठी थी. वहीं अब अंतागढ़ को भी जिला बनाने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है.

अंतागढ़ को जिला बनाने की उठी मांग
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Published : Aug 30, 2019, 12:07 PM IST

कांकेर : अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को क्षेत्र के लोगों ने रेस्ट हाउस में एकत्रित होकर रणनीति बनाई. इस दौरान विधायक अनूप नाग ने कहा कि, 'अगर कोई जिला बनेगा तो वो सिर्फ अंतागढ़ ही होगा'.

अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग की

अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर जुटे क्षेत्रवासियों ने कहा कि, 'अंतागढ़ बस्तर संभाग का सबसे पुराना तहसील मुख्यालय है, लेकिन आज भी ये क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. ये क्षेत्र शत-प्रतिशत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य सुविधाओं की सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है'.

'जिला मुख्यालय पहुंचने में लगते हैं 2-3 दिन'
स्थानीय लोगों ने कहा कि, 'शासन ने अंतागढ़ तहसील क्षेत्र को अति दुर्गम क्षेत्र की सूची में रखा है. क्षेत्र में बंडापाल, अर्रा, मातला, किसकोड़ो, पानीडोबिर तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं है, जहां के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए आज भी दो से तीन दिन का समय लगता है'.

पढ़ें : सीएम हाउस में आज मनेगा पोला और हरतालिका तीज का जश्न, मुख्यमंत्री ने दिया है न्योता

'कांकेर से अलग-थलग है अंतागढ़'
लोगों का कहना है कि, 'भौगोलिक दृष्टिकोण से अंतागढ़, कांकेर जिला से अलग-थलग है, जिसका प्रमुख कारण आवागमन के साधन का अभाव है. इस कारण क्षेत्र की जनता शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो पा रही है. अंतागढ़ में भविष्य में विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं'.

पहले भी किया था प्रदर्शन
पिछले साल क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अंतागढ़ को जिला बनाने को लेकर एक माह तक लंबा आंदोलन करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद शासन द्वारा जब भी छत्तीसगढ़ में नया जिला बनाना होगा तो अंतागढ़ को पहले प्राथमिकता देने का अश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया था, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है.

कांकेर : अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को क्षेत्र के लोगों ने रेस्ट हाउस में एकत्रित होकर रणनीति बनाई. इस दौरान विधायक अनूप नाग ने कहा कि, 'अगर कोई जिला बनेगा तो वो सिर्फ अंतागढ़ ही होगा'.

अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग की

अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर जुटे क्षेत्रवासियों ने कहा कि, 'अंतागढ़ बस्तर संभाग का सबसे पुराना तहसील मुख्यालय है, लेकिन आज भी ये क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. ये क्षेत्र शत-प्रतिशत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य सुविधाओं की सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है'.

'जिला मुख्यालय पहुंचने में लगते हैं 2-3 दिन'
स्थानीय लोगों ने कहा कि, 'शासन ने अंतागढ़ तहसील क्षेत्र को अति दुर्गम क्षेत्र की सूची में रखा है. क्षेत्र में बंडापाल, अर्रा, मातला, किसकोड़ो, पानीडोबिर तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं है, जहां के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए आज भी दो से तीन दिन का समय लगता है'.

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'कांकेर से अलग-थलग है अंतागढ़'
लोगों का कहना है कि, 'भौगोलिक दृष्टिकोण से अंतागढ़, कांकेर जिला से अलग-थलग है, जिसका प्रमुख कारण आवागमन के साधन का अभाव है. इस कारण क्षेत्र की जनता शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो पा रही है. अंतागढ़ में भविष्य में विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं'.

पहले भी किया था प्रदर्शन
पिछले साल क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अंतागढ़ को जिला बनाने को लेकर एक माह तक लंबा आंदोलन करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद शासन द्वारा जब भी छत्तीसगढ़ में नया जिला बनाना होगा तो अंतागढ़ को पहले प्राथमिकता देने का अश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया था, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है.

Intro:
ब्रिटिश कालीन सबसे पुरानी तहसील अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग ने पकड़ा जाेर ,


अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को क्षेत्र के लोगों ने रेस्ट हाऊस अन्तागढ़ में एकत्रित होकर रणनीति बनाई , विधायक अनुप नाग ने अपना दमदारी दिखाते हुए कहा कि जिला बनेगा तो अन्तागढ़ ही बनेगा

Body:अंतागढ़ को जिला बनाने जुटे क्षेत्रवासियों ने कहा अंतागढ़ बस्तर संभाग का सबसे पुराना तहसील मुख्यालय है, लेकिन आज भी यह क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यह क्षेत्र शत-प्रतिशत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य सुविधाओं की सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है। शासन ने अंतागढ़ तहसील क्षेत्र को अति दुर्गम क्षेत्र की सूची में रखा है। क्षेत्र में बंडापाल, अर्रा, मातला, किसकोड़ो, पानीडोबिर तक पहुंचने रास्ता ही नहीं है। जहां के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने आज भी दो से तीन दिन का समय लगता है। भौगोलिक दृष्टिकोण से अंतागढ़, कांकेर जिला में अलग- थलग ही है। जिसका प्रमुख कारण आवागमन के साधन का अभाव है। इस कारण क्षेत्र की जनता शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभाविंत नहीं हो पा रही है। अंतागढ़ में भविष्य में विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। यहां विकास के लिए पर्याप्त जमीन है। निकट समय में प्रारंभ होने वाला रावघाट लोहा खदान इसी अंतागढ़ तहसील क्षेत्र में है।

विगत वर्ष में क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अंतागढ़ को जिला बनाने को लेकर एक माह तक लंबा आंदोलन करते धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद शासन द्वारा जब भी छत्तीसगढ़ में नया जिला बनाना होगा तो अंतागढ़ को पहले प्राथमिकता देने का अश्वासन देकर हड़ताल बंद कराई गई थी। लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। जिससे क्षेत्रवासी स्वयं को ठगा से महसूस कर रहे हैं। Conclusion:Vidhayak antagarh anup naag

Sanjay dhruw nagar panchayat adhyaksh

Anil chandel upadhayksh janpad panchayat antagarh
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