कवर्धा: जिले में एक बार फिर ठंड की वापसी हो गई है. चिल्फी घाटी और दूसरे वनांचल क्षेत्रों मे लगातार तापमान में गिरावट हो रही है. इसके साथ ही सुबह-सुबह ओस की बूंदें घास और पेड़े-पौधों की पत्तियों पर जमने लगी है. ये बूंदें मोतियों की तरह चमक रही हैं. चिल्फी घाटी का नजारा जन्नत से कम नहीं लग रहा. ये घाटी बेहद खूबसूरत है, जो बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
इधर ठंड बढ़ने से लोगों ने गर्म कपड़े और अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है. जिले में सोमवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. उत्तर दिशा से ठंडी और शुष्क हवाओं के आने के कारण ठंड बढ़ी है. ठंड के कारण चिल्फी घाटी, रेंगाखार और कुकदुर के जंगली इलाकों में बर्फ की पतली चादर बिछने लगी है. इससे चिल्फी घाटी की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ गई है. ठंड के कारण पूरी घाटी कोहरे से ऐसे ढंक गई है, मानों बादलों ने पहाड़ों को अपनी आगोश में ले लिया हो. कोहरे के हटते ही सुंदर घाटी दिखने लगती है. स्थानीय लोग इस नजारे का भरपूर लुत्फ ले रहे हैं. चिल्फी घाटी में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लगी है.
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ठंड से बचने के लिए लोग ले रहे अलाव का सहारा
स्थानीय लोग बताते हैं कि जनवरी के पहले सप्ताह में ठंड पूरी तरह खत्म हो गई थी. पिछले कुछ दिनों से ठंड ने दोबारा दस्तक दी है. ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. अन्य जगहों की अपेक्षा चिल्फी घाटी के तापमान में हमेशा गिरावट बनी रहती है. फिलहाल यहां का औसत तापमान 9 डिग्री सेल्सियस गिर चुका है. चिल्फी घाटी हमेशा से स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही है. यहां पारा जैसे-जैसे गिरेगा, ठंड वैसे-वैसे बढ़ती जाएगी. एक तरफ कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है, तो दूसरी तरफ लोग इसका आनंद भी ले रहे हैं.