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कवर्धा: लॉकडाउन के बीच रात साढ़े 12 बजे चंडी और परमेश्वरी मंदिर से निकला खप्पर

कवर्धा में लॉकडाउन के बीच चैत्र नवरात्र की अष्टमी को माता चंडी और परमेश्वरी का खप्पर निकाला गया. इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की थी. खप्पर निकालने की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा आज भी जारी है.

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देवी चंडी और देवी परमेश्वरी की खप्पर यात्रा
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Published : Apr 21, 2021, 7:16 AM IST

Updated : Apr 22, 2021, 6:22 AM IST

कवर्धा: आखिरकार इस बार भी नवरात्र कोरोना और लॉकडाउन के बीच ही गुजर गया. आज चैत्र नवरात्र की नवमी है. आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से सभी पाप और विघ्नों का नाश हो जाता है. इससे पहले अष्टमी के दिन कवर्धा जिले में माता चंडी और माता परमेश्वरी का खप्पर निकाला गया. लॉकडाउन के बीच पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में मां की खप्पर यात्रा निकाली गई.

देवी चंडी और देवी परमेश्वरी की खप्पर यात्रा

देवी चंडी और देवी परमेश्वरी की खप्पर यात्रा

कवर्धा में सालों पुरानी परंपरा आज भी जीवित है, जिसका पूरा श्रेय मंदिर समितियों को ही जाता है. मंगलवार को नवरात्रि की अष्टमी पर रात साढ़े 12 बजे माता चंडी की पहली खप्पर यात्रा निकली. माता परमेश्वरी के मंदिर से दूसरा खप्पर 12 बजकर 40 मिनट पर निकाला गया, जो देवांगन पारा, ठाकुर पारा, अलाल चौक, सिग्नल चौक, अंबेडकर चौक, राज महल, नदियां पारा होते हुए नगर भ्रमण के बाद मंदिर पहुंचा. इस दौरान पुलिस-प्रशासन की टीम मुस्तैदी के साथ तैनात रही. खप्पर के नगर भ्रमण के दौरान कोई भी व्यक्ति सड़क पर नजर नहीं आया.

आठों सिद्धियां देने वाली हैं भगवती सिद्धिदात्री, नवरात्र के आखिरी दिन ऐसे करें मां की पूजा

सैकड़ों साल पुरानी परंपरा

मान्यता है कि देवी स्वरूप खप्पर को जब नगर में भ्रमण के लिए निकाला जाता है, तो जितनी भी महामारी और आपदा है, वो दूर हो जाती है. जानकार बताते हैं कि यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है. पुराने जमाने में जब गांव में किसी भी तरह की विपदा आती थी, तो उस दौरान माता का खप्पर ही निकाला जाता था, ताकि महामारी से गांव को सुरक्षित किया जा सके. कवर्धा में यही परंपरा आज भी कायम है.

कवर्धा: आखिरकार इस बार भी नवरात्र कोरोना और लॉकडाउन के बीच ही गुजर गया. आज चैत्र नवरात्र की नवमी है. आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से सभी पाप और विघ्नों का नाश हो जाता है. इससे पहले अष्टमी के दिन कवर्धा जिले में माता चंडी और माता परमेश्वरी का खप्पर निकाला गया. लॉकडाउन के बीच पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में मां की खप्पर यात्रा निकाली गई.

देवी चंडी और देवी परमेश्वरी की खप्पर यात्रा

देवी चंडी और देवी परमेश्वरी की खप्पर यात्रा

कवर्धा में सालों पुरानी परंपरा आज भी जीवित है, जिसका पूरा श्रेय मंदिर समितियों को ही जाता है. मंगलवार को नवरात्रि की अष्टमी पर रात साढ़े 12 बजे माता चंडी की पहली खप्पर यात्रा निकली. माता परमेश्वरी के मंदिर से दूसरा खप्पर 12 बजकर 40 मिनट पर निकाला गया, जो देवांगन पारा, ठाकुर पारा, अलाल चौक, सिग्नल चौक, अंबेडकर चौक, राज महल, नदियां पारा होते हुए नगर भ्रमण के बाद मंदिर पहुंचा. इस दौरान पुलिस-प्रशासन की टीम मुस्तैदी के साथ तैनात रही. खप्पर के नगर भ्रमण के दौरान कोई भी व्यक्ति सड़क पर नजर नहीं आया.

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सैकड़ों साल पुरानी परंपरा

मान्यता है कि देवी स्वरूप खप्पर को जब नगर में भ्रमण के लिए निकाला जाता है, तो जितनी भी महामारी और आपदा है, वो दूर हो जाती है. जानकार बताते हैं कि यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है. पुराने जमाने में जब गांव में किसी भी तरह की विपदा आती थी, तो उस दौरान माता का खप्पर ही निकाला जाता था, ताकि महामारी से गांव को सुरक्षित किया जा सके. कवर्धा में यही परंपरा आज भी कायम है.

Last Updated : Apr 22, 2021, 6:22 AM IST
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