कवर्धा: खैरबनाकला के पास के जंगलों में लगातार हो रहे अवैध कब्जे के कारण वन्यप्राणी की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है, बावजूद इसके वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वन भूमि के ज्यादातार हिस्सों में ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया है, साथ ही कुछ हिस्सों में खेती भी कर रहे हैं.
जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर कवर्धा वन परिक्षेत्र के सरोधा जलाशय के सामने खैरबनाकला के पास का जंगल है, जहां लगभग 40 से ज्यादा ग्रामीणों ने पेड़ों को काटकर वन भूमि पर अपना घर बना लिया है. कई महीनों से यहां अतिक्रमण किया जा रहा है, लेकिन वन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
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अधिकारियों की लापरवाही
जंगल में हुए अतिक्रमण के कारण ही वन्यप्राणी जंगलों से भटककर रहवासी क्षेत्रों तक पहुंच जाते हैं, जिनका ग्रामीण शिकार कर लेते हैं. जिस जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, उस भूमि पर वन विभाग ने ऑक्सीजन जोन बनाया था, लेकिन देखरेख के अभाव में ऑक्सीजन जोन पूरी तरह से बर्बाद हो गया है.
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अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी
इस संबंध में जब ETV BHARAT ने वनमंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर से बात की, तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में मामला आया है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल 36 लोगों को भारतीय वन अधिनियम (Indian Forest Act) के तहत अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है. नोटिस मिलने के बाद भी अगर ग्रामीण वहां से नहीं हटते हैं, तो आगे कार्रवाई की जाएगी.