कवर्धा : पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. तीन साल में दूसरी बार पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला है.कांग्रेसी पार्षद नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान की कुर्सी गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे हैं. पिछली बार अध्यक्ष ने अपने सूझबूझ और सत्ताधारी पार्टी होने के कारण अपनी कुर्सी बचा ली थी. लेकिन 15 महीने बाद एक बार फिर पार्षदों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा है.
पहले भी हो चुकी है शिकायत : नगर पंचायत पांडातराई के कांग्रेसी अध्यक्ष फिरोज खान को हाटाने की मांग को लेकर 05 कांग्रेसी और 04 भाजपा के पार्षद एक होकर 15 महीने पूर्व कलेक्टर को आवेदन दिए थे. कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर वोटिंग भी कराया. लेकिन अध्यक्ष फिरोज खान के समर्थन में वोट ज्यादा पड़े और उनकी कुर्सी बच गई. कांग्रेस के पार्षदों ने ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लगाया था.जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष नीलकंठ चन्द्रवंशी ने पांचों पार्षदों को पार्टी से 06 साल के लिए निष्कासित कर दिया. लेकिन अब फिर से कांग्रेस निष्कासित पार्षद और बीजेपी पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला है.
क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव : पार्षद जसबीर सलूजा ने आरोप लगते हुए कहा कि '' नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान ने प्रधानमंत्री आवास में अपने चहेतों को योजना लाभ दिलाया है. वहीं सड़क निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार किया है. पार्षदों से भेदभाव करना जैसे कार्य लगातार करते आ रहे हैं. जिन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है उनमें संतोष गेंदले, जसबीर सलूजा, तीजन बाई,सविता पातस्कर, जानकी बाई बाहिरे, सोनमत बाई साहू, राजकुमारी चन्द्रवंशी, फूलचंद साहू, दिनेश गुप्ता शामिल हैं.वहीं इस पूरे मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष ने इसे खुद के खिलाफ षड़यंत्र बताते हुए जनता को अपने साथ बताया है.वहीं कलेक्टर जनमेजय महोबे ने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है.