कवर्धा: राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय ने भोरमदेव मंदिर (Mention of Bhoramdeo temple development) को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय अंतर्गत प्रसाद योजना में शामिल करने की मांग की है. इस दौरान सांसद (Santosh Pandey demand) ने भोरमदेव के स्थापत्यकला, पुरातात्विक संपदा तथा धार्मिक आस्था का जिक्र किया. भोरमदेव छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से भी प्रसिद्ध है. kawardha latest news
"छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव": सांसद संतोष पांडेय (Lok Sabha MP Santosh Pandey) ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि "छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मेरे संसदीय क्षेत्र अंतर्गत कवर्धा से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के सभी लोगों के आंखों का तारा है. इसे निहारने के लिए देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. यहां भगवान शिव विराजमान हैं, जो आस्था का बड़ा केंद्र हैं. भारतीय कला का एक अज्ञात रत्न छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर, छत्तीसगढ़ी कला तीर्थ के नाम से भी विख्यात है. जो मैकाल पर्वत श्रृंखला के गोद में बसे 10वीं सदी में निर्मित है."
भोरमदेव धार्मिक आस्था का केंद्र: भारतीय संस्कृति एवं कला की सम्मोहक छवि के साथ ही साथ धर्म, आध्यात्म, लौकिक जीवन के विविध पक्षों के साथ वन्यजीव अभ्यारण, साल और बीजा के पेड़ों की निर्मल छाया को संजोए हुए है." उन्होंने कहा कि "गोंड जाति के उपास्य देव भोरमदेव, महादेव शिव का नाम हैं. स्थापत्य कला शैली, मालवा की परमार कला शैली की प्रति छाया हैं. यही खूबियों के कारण तथा इसे स्थापत्यकला, पुरातात्विक संपदा तथा धार्मिक आस्था के लिए जाना जाता है. भोरमदेव मंदिर तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और देशी विदेशी पर्यटकों को वर्ष भर आकर्षित करती हैं." (development of Bhoramdev temple in Lok Sabha)
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि "मेरे संसदीय क्षेत्र के जिला राजनांदगांव के डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर और प्रज्ञागिरी पर्वत का विकास प्रसाद योजना अंतर्गत किया जा रहा है, कार्य प्रगति पर है." उन्होंने भोरमदेव (Bhoramdev temple) को भी केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना में शामिल कर विकसित करने की मांग (Santosh Pandey demand) की.