कवर्धा: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करने का निर्णय लिया है. इसके लिए किसानों को टोकन लेने होंगे. टोकन लेकर धान बेचने के लिए अपने नंबर का इंतजार करना होगा. पंडरिया ब्लॉक के दशरंगपुर इलाके में धान बिक्री का टोकन लेने के लिए किसान रात से ही सोसायटी के सामने जुट गए हैं. यहां भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं. सभी में पहले टोकन लेने की होड़ है.
किसानों ने बताया कि साल 2019 में हुई परेशानियों को देखते हुए किसानों के मन में भय है. सोसायटी सोमवार की सुबह तय समय पर खुलेगी. लेकिन किसान रात से ही यहां पहुंच कर परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि धान खरीदी देर से शुरू हो रही है. किसानों को आशंका है कि उनके धान बिक्री में देर हो सकती है. ऐसे में किसान टोकन के लिए रात से ही लाइन लगाकर खड़े हो गए हैं. बता दें कि इलाके में जोरदार ठंड पड़ रही है लेकिन अन्नदाता रात भर खड़े रहकर टोकन लेने को तैयार हैं.
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किस बात का भय है किसान को
टोकन लेने पहुंचे एक किसान ने बताया कि पिछले साल धान खरीदी के वक्त कई परेशानियों का सामना इलाके के अन्नदाताओं को करना पड़ा था. इसमें बारदाना की समस्या, अचानक मौसम का खराब हो जाने जैसी समस्याएं शामिल हैं. इसलिए किसान जल्द से जल्द अपनी फसल बेचना चाहता है. किसानों को उम्मीद थी कि सरकार 15 नवंबर से धान की खरीदी करेगी. लेकिन इस बार भी सरकार ने 1 दिसंबर से ही धान की खरीदी करने का फैसला किया. अब किसान घबराए हुए हैं. उन्हें भय है कि किसी भी प्रकार की समस्या हुई तो उनका धान नहीं बिक सकेगा.
पूरे राज्य में अफरा-तफरी
धान खरीदी से ठीक पहले विभिन्न जिलों से किसानों के बीच टोकन को लेकर हो रही समस्या सामने आ रही है. बेमेतरा में भी किसान रात से ही टोकन के लिए लाइन में लग गए थे. बीजा गांव के धान खरीदी केंद्र पर टोकन लेने के लिए भारी संख्या में किसान पहुंचे.
- छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 नवंबर से धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन हालात यह हैं कि 27 नवंबर को ही कोरबा फड़ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग शुरू हुई है. इसी दिन नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. बारदानों की व्यवस्था से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है. यहां के किसान भी टोकन के लिए परेशान हैं.
- गरियाबंद जिले के कृषि उपज मंडी में धान खरीदी के लिए टोकन नहीं कटने से नाराज किसानों ने शनिवार को कलेक्टर के घर पहुंच शिकायत की. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लिया. देरी से शुरू हो रही धान खरीदी के बावजूद सरकार अपनी तैयारी पूरी नहीं कर सकी है.
- बिलासपुर कार्यालय में टोकन के लिए किसान सुबह से पहुंचे थे, लेकिन टोकन वितरण के लिए न कर्मचारी पहुंचे, न अधिकारी. किसानों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही और अव्यवस्था का आरोप लगाया है.