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ETV भारत की खबर का असर, घर छोड़कर जा रहे आदिवासियों को मिलेगा रोजगार

कवर्धा में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. पलायन कर रहे सैकड़ों बैगा आदिवासियों के लिए कवर्धा प्रशासन उनके लिए खेती और रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.

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कवर्धा प्रशासन आदिवासियों के लिए रोजगार उपलब्ध करा रहा है
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Published : Jan 13, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 4:04 PM IST

कवर्धा: जिले से पलायन कर मुंगेली जिला पहुंचे सैंकड़ों आदिवासी परिवारों को प्रशासन ने वापस बुलाया और खेती-किसानी में सुविधा और रोजगार का आश्वासन दिया. सैकड़ों आदिवासी परिवार मंत्री मोहम्मद अकबर से मिलने पहुंचे थे. मंत्री ने सभी को यथावत रहने और किसी के बहकावे में नहीं आने को कहा. ETV भारत पर खबर दिखाने के बाद जिला प्रशासन इन ग्रामीणों को नरेगा अन्तर्गत रोजगार देने और इनकी भूमि को समतली करण कर खेती योग्य बनाने की पहल करने की तैयारी कर रहा है.

सैंकड़ों आदिवासियों को प्रशासन ने किया था बेदखल

ETV भारत की खबर का असर

दरअसल कवर्धा जिले के वनांचल क्षेत्र के दूरस्थ गांवों के सैकड़ों बैगा आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुड़िया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी जंगल में बसने के लिए पहुंचे थे. आदिवासियों के पहुंचने की सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी जंगल पहुंची और इन बैगा आदिवासियों को खदेड़ने लग गई. पलायन करने वाले आदिवासियों का कहना है कि जहां वे रहते आए है वहां ना तो खेती होती है और ना ही रोजगार है. जिसके चलते वे अपने पुराने स्थान को छोड़कर नई जगह पर बसना चाहते है.

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कवर्धा प्रशासन आदिवासियों के लिए रोजगार उपलब्ध करा रहा है

सरगढ़ी गांव से उन्हें फॉरेस्ट और प्रशासन ने वापस भेजा तो ये सभी कवर्धा के विधायक और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से अपनी गुहार लगाने रायपुर पहुंचे और आपबीती सुनाई. सभी आदिवासी अपने मूल स्थान पर लौट गए.

पढ़ें: मुंगेली: पलायन करते 300 से ज्यादा आदिवासियों को पुलिस ने रोका

बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ गांवों के करीब 300 आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी गांव में बसने पहुंचे थे. सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी पहुंचकर आदिवासियों को रोका. पलायन करन सरगढ़ी जंगल में बसने गए सभी ग्रामीण बोड़ला ब्लॉक के ग्राम कुकरापानी, दलदली, तरलापानी, चंद्रापानी, धनवटी, लरबक्की और आमानारा के थे. ये सभी 8 दिन पहले लोरमी (मुंगेली) के खुडिया रेंज के सरगढ़ी जंगल में रहने के लिए पहुंचे थे.

पढ़ें: आमदई में जल,जंगल और जमीन के लिए डटे आदिवासी

अधिकारियों ने हटाया
ग्रामीणों की स्वस्फूर्त विस्थापन की जानकारी मिलते ही मुंगेली वन विभाग हरकत में आया. वन विभाग ने एटीआर,राजस्व विभाग और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर इन ग्रामीणों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की. इस दौरान दो ग्रामीणों के घायल होने और अफरा-तफरी में 11 ग्रामीणों के लापता होने की बात सामने आई थी.

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती भगाया जा रहा है. गांव की जमीन एकदम खराब है. वहां खेती नहीं हो सकती. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में इसे लेकर आवेदन भी सौंपा था. लेकिन खेती में सुधार नहीं हो सका. ग्रामीण सुखीराम ने बताया कि बार- बार आवेदन के बाद उन्हें खुड़िया रेंज के सरगढ़ी गांव में 467 कंपार्टमेंट में बसाने की बात कही गई थी. इसलिए वे अपने परिवार सहित घर छोड़कर सरगढ़ी गांव में आए थे.

पढ़ें: निक्को कंपनी की खदान के विरोध में आदिवासियों का धरना जारी

शांतिपूर्ण तरीके से भेजा था वापस
मुंगेली एएसपी सीडी तिर्की का कहना है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्रामीण सरगढ़ी में आकर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्ण तरीके से वापस भेज दिया गया है.

कवर्धा: जिले से पलायन कर मुंगेली जिला पहुंचे सैंकड़ों आदिवासी परिवारों को प्रशासन ने वापस बुलाया और खेती-किसानी में सुविधा और रोजगार का आश्वासन दिया. सैकड़ों आदिवासी परिवार मंत्री मोहम्मद अकबर से मिलने पहुंचे थे. मंत्री ने सभी को यथावत रहने और किसी के बहकावे में नहीं आने को कहा. ETV भारत पर खबर दिखाने के बाद जिला प्रशासन इन ग्रामीणों को नरेगा अन्तर्गत रोजगार देने और इनकी भूमि को समतली करण कर खेती योग्य बनाने की पहल करने की तैयारी कर रहा है.

सैंकड़ों आदिवासियों को प्रशासन ने किया था बेदखल

ETV भारत की खबर का असर

दरअसल कवर्धा जिले के वनांचल क्षेत्र के दूरस्थ गांवों के सैकड़ों बैगा आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुड़िया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी जंगल में बसने के लिए पहुंचे थे. आदिवासियों के पहुंचने की सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी जंगल पहुंची और इन बैगा आदिवासियों को खदेड़ने लग गई. पलायन करने वाले आदिवासियों का कहना है कि जहां वे रहते आए है वहां ना तो खेती होती है और ना ही रोजगार है. जिसके चलते वे अपने पुराने स्थान को छोड़कर नई जगह पर बसना चाहते है.

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कवर्धा प्रशासन आदिवासियों के लिए रोजगार उपलब्ध करा रहा है

सरगढ़ी गांव से उन्हें फॉरेस्ट और प्रशासन ने वापस भेजा तो ये सभी कवर्धा के विधायक और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से अपनी गुहार लगाने रायपुर पहुंचे और आपबीती सुनाई. सभी आदिवासी अपने मूल स्थान पर लौट गए.

पढ़ें: मुंगेली: पलायन करते 300 से ज्यादा आदिवासियों को पुलिस ने रोका

बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ गांवों के करीब 300 आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी गांव में बसने पहुंचे थे. सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी पहुंचकर आदिवासियों को रोका. पलायन करन सरगढ़ी जंगल में बसने गए सभी ग्रामीण बोड़ला ब्लॉक के ग्राम कुकरापानी, दलदली, तरलापानी, चंद्रापानी, धनवटी, लरबक्की और आमानारा के थे. ये सभी 8 दिन पहले लोरमी (मुंगेली) के खुडिया रेंज के सरगढ़ी जंगल में रहने के लिए पहुंचे थे.

पढ़ें: आमदई में जल,जंगल और जमीन के लिए डटे आदिवासी

अधिकारियों ने हटाया
ग्रामीणों की स्वस्फूर्त विस्थापन की जानकारी मिलते ही मुंगेली वन विभाग हरकत में आया. वन विभाग ने एटीआर,राजस्व विभाग और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर इन ग्रामीणों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की. इस दौरान दो ग्रामीणों के घायल होने और अफरा-तफरी में 11 ग्रामीणों के लापता होने की बात सामने आई थी.

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती भगाया जा रहा है. गांव की जमीन एकदम खराब है. वहां खेती नहीं हो सकती. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में इसे लेकर आवेदन भी सौंपा था. लेकिन खेती में सुधार नहीं हो सका. ग्रामीण सुखीराम ने बताया कि बार- बार आवेदन के बाद उन्हें खुड़िया रेंज के सरगढ़ी गांव में 467 कंपार्टमेंट में बसाने की बात कही गई थी. इसलिए वे अपने परिवार सहित घर छोड़कर सरगढ़ी गांव में आए थे.

पढ़ें: निक्को कंपनी की खदान के विरोध में आदिवासियों का धरना जारी

शांतिपूर्ण तरीके से भेजा था वापस
मुंगेली एएसपी सीडी तिर्की का कहना है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्रामीण सरगढ़ी में आकर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्ण तरीके से वापस भेज दिया गया है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 4:04 PM IST
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