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भोरमदेव महोत्सव की तैयारी कर रहा कवर्धा प्रशासन, लोगों से मांगे सुझाव - स्थानीय कलाकारों को प्रस्तुति का मौका

कवर्धा जिला प्रशासन भोरमदेव महोत्सव की तैयारी कर रहा है. प्रशासन ने महोत्सव को लेकर लोगों से सुझाव मांगे हैं. इस साल 9 और 10 अप्रैल को महोत्सव आयोजित होगा. कलेक्टर ने तैयारी के लिए निर्देश दिए हैं.

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भोरमदेव महोत्सव की तैयारी
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Published : Mar 4, 2021, 5:12 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 5:34 PM IST

कवर्धा: जिला प्रशासन ने भोरमदेव महोत्सव को लेकर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. भोरमदेव महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है. कलेक्टर ने बैठक लेकर अधिकारियों को भोरमदेव मंदिर, मडंवा महल और छेरकी महल की साफ साफाई और साज-सज्जा के लिए निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मंच के आसपास साफाई और बिजली, पानी जैसी मूलभूत व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए हैं.

भोरमदेव महोत्सव की तैयारी कर रहा कवर्धा प्रशासन

छत्तीसगढ़ के खजुराहों के नाम से देश-विदेश में पहचाने दाने वाले प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में दो 9 और 10 अप्रैल को भोरमदेव महोत्सव होना है. जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने अधिकारियों की बैठक लेकर सुझाव और दिशा-निर्देश भी दिए हैं.

बवाल के बाद मैनपाट महोत्सव में पहुंचे टीएस सिंहदेव ने लोगों को मंच से समझाया

स्थानीय कलाकारों को बुलावा

जिला प्रशासन ने बताया है कि स्थानीय कलाकारों को प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा. स्थानीय कलाकार 15 मार्च तक कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 22 में लिपिक शाखा में पहुंच कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. बता दें भोरमदेव महोत्सव 26 सालों से आयोजित किया जा रहा है. लेकिन कोरोना के कारण प्रशासन ने भोरमदेव महोत्सव को स्थागित कर दिया था.

सूना-सूना भोरमदेव महोत्सव, जहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी वहां खाली हैं कुर्सियां

आम लोगों से सुझाव आमंत्रित

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने भोरमदेव महोत्सव को लेकर हर बार की तरह इस साल भी लोगों से सुझाव मांगे हैं. सुझाव के अनुसार कार्य करने की बात भी कही गई है. भोरमदेव महोत्सव 1995 से आयोजित हो रही है. पहले महोत्सव तीन दिनों के मेले के रूप में आयोजित होता था. महोत्सव में अन्य प्रदेशों के साथ ही मुम्बई के बड़े-बडे कलाकारों को भी बुलाया जाता था. महोत्सव में दूर-दूर से लोग कार्यक्रम का आंनद लेने पहुंचते हैं.

2 दिन का हुआ कार्यक्रम

कुछ सालों से महोत्सव दो दिवसीय हो कर दिया गया है. स्थानीय और छोटे-छोटे कलाकारों से आयोजन को समेट दिया गया है. जिसके कारण अब महोत्सव को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह भी कम हो गया है. साल 2019 में प्रशासन ने इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया था. लोगों को भोरमदेव महोत्सव के तारीख की जानकारी भी नहीं मिल पाई थी. यहां की रौनक आचार संहिता की वजह से भी फीकी रही थी.

कवर्धा: जिला प्रशासन ने भोरमदेव महोत्सव को लेकर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. भोरमदेव महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है. कलेक्टर ने बैठक लेकर अधिकारियों को भोरमदेव मंदिर, मडंवा महल और छेरकी महल की साफ साफाई और साज-सज्जा के लिए निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मंच के आसपास साफाई और बिजली, पानी जैसी मूलभूत व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए हैं.

भोरमदेव महोत्सव की तैयारी कर रहा कवर्धा प्रशासन

छत्तीसगढ़ के खजुराहों के नाम से देश-विदेश में पहचाने दाने वाले प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में दो 9 और 10 अप्रैल को भोरमदेव महोत्सव होना है. जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने अधिकारियों की बैठक लेकर सुझाव और दिशा-निर्देश भी दिए हैं.

बवाल के बाद मैनपाट महोत्सव में पहुंचे टीएस सिंहदेव ने लोगों को मंच से समझाया

स्थानीय कलाकारों को बुलावा

जिला प्रशासन ने बताया है कि स्थानीय कलाकारों को प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा. स्थानीय कलाकार 15 मार्च तक कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 22 में लिपिक शाखा में पहुंच कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. बता दें भोरमदेव महोत्सव 26 सालों से आयोजित किया जा रहा है. लेकिन कोरोना के कारण प्रशासन ने भोरमदेव महोत्सव को स्थागित कर दिया था.

सूना-सूना भोरमदेव महोत्सव, जहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी वहां खाली हैं कुर्सियां

आम लोगों से सुझाव आमंत्रित

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने भोरमदेव महोत्सव को लेकर हर बार की तरह इस साल भी लोगों से सुझाव मांगे हैं. सुझाव के अनुसार कार्य करने की बात भी कही गई है. भोरमदेव महोत्सव 1995 से आयोजित हो रही है. पहले महोत्सव तीन दिनों के मेले के रूप में आयोजित होता था. महोत्सव में अन्य प्रदेशों के साथ ही मुम्बई के बड़े-बडे कलाकारों को भी बुलाया जाता था. महोत्सव में दूर-दूर से लोग कार्यक्रम का आंनद लेने पहुंचते हैं.

2 दिन का हुआ कार्यक्रम

कुछ सालों से महोत्सव दो दिवसीय हो कर दिया गया है. स्थानीय और छोटे-छोटे कलाकारों से आयोजन को समेट दिया गया है. जिसके कारण अब महोत्सव को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह भी कम हो गया है. साल 2019 में प्रशासन ने इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया था. लोगों को भोरमदेव महोत्सव के तारीख की जानकारी भी नहीं मिल पाई थी. यहां की रौनक आचार संहिता की वजह से भी फीकी रही थी.

Last Updated : Mar 4, 2021, 5:34 PM IST
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