कवर्धा: हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार जारी है. विधायक का चुनाव हारने के बाद मोहम्मद अकबर और कांग्रेस अभी सदमे हैं. कांग्रेस का दर्द कुछ और बढ़ गया जब नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान की कुर्सी चली गई. फिरोज खान पांडातराई नगर पंचायत के पद पर आसीन थे. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनकी कुर्सी एक वोट से चली गई. अध्यक्ष के पक्ष में पांच वोट पड़े जबकी विपक्ष को दस वोट मिले, इस तरह से वो हार गए. हार के बाद से कांग्रेस खेमे में सन्नाटा पसर गया है. कांग्रेस दफ्तर से लेकर फिरोज खान तक के घर में मातम सा माहौल है.
काम नहीं करने पर गई कुर्सी: नगर पंचायत पांडातराई के उपाध्यक्ष संतोष गोयल का कहना है कि फिरोज खान विकास के काम से दूरी बनाए रखते थे. आरोप है कि कई बार पार्षद उनके पास विकास की योजनाओं को लेकर जाते थे जिसे वो नकारा देते थे. उपाध्यक्ष का ये भी आरोप है कि विकास का काम नहीं होने से जनता का भी उनपर दबाव था. लोगों की नाराजगी और पार्षदों की दिक्कतों को देखते हुए ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. जिसमें फिरोज खान को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.
कांग्रेस समर्थित नगर पंचायत अध्यक्ष की छुट्टी: नगर उपाध्यक्ष और बीजेपी पार्षदों का ये भी आरोप था कि फिरोज खान भ्रष्टाचार करने में जुटे रहते थे और मनमानी से काम करते थे. उपाध्यक्ष और बीजेपी पार्षदों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में फ्लोर टेस्ट अपर कलेक्टर ने कराया. जिसके बाद अपर कलेक्टर की मौजूदगी में हुए नो कॉन्फिडेंस मोशन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा