कवर्धा: मुस्लिम समाज का पाक (पवित्र) महीना रमजान 25 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है. अगर 24 तारीख को चांद दिखता है तो आज तरावीह की नमाज अदा होगी और कल 25 अप्रैल को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. वहीं अगर चांद 25 तारीख को दिखाई देता है, तो 26 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा.
मुस्लिम समाज के लोग इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस पाक महीने में लोग पूरे महीने अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान के एक महीने मुस्लिम समुदाय के लोगा रोजा रखते हैं और पांच वक्त की नमाज पढ़ने के साथ ही तरावीह की विशेष नमाज भी अदा करते हैं. ये नमाज मस्जिद में अदा की जाती है, लेकिन ऐसा पहली बार होगा कि तरावीह की नमाज लोग घरों में ही अदा करेंगे.
पुरुष ज्यादा वक्त मस्जिद में रहकर ही इबादत करते हैं, वहीं महिलाएं घर पर इबादत करती हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से मस्जिदें एक माह से बंद हैं. धारा 144 लागू होने के कारण 5 से ज्यादा लोग एक जगह पर जमा नहीं हो सकते हैं. साथ ही मुस्लिम धर्मावलंबियों को ये निर्देश दिया है कि वे इस बार रमजान में सेहरी, इफ्तारी या नमाज घर पर ही रहकर अदा करें और इस पूरे महीने सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करें.
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घर में अदा किया जाएगा नमाज
इस साल मुस्लिम समाज के लोगों में रमजान को लेकर रौनक नहीं दिख रही है, बाजार भी बंद हैं. जामा मस्जिद के इमाम जनाब मोहम्मद जुबेर ने बताया कि इस पाक महीने रमजान में सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त होने तक बिना खाना-पानी के रहा जाता है, साथ ही रोजाना की तरह पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. तरावीह की विषेश नमाज़ भी अदा की जाती है. पवित्र किताब कुरान में कहा गया है कि इस माह में मुस्लिमों को अपनी कमाई हुई संपत्ति का कुछ हिस्सा गरीबों में दान करना अनिवार्य है. धार्मिक किताब में कहा गया है कि इस माह में दान करने से उसका दोगुना लाभ मिलता है. इस एक महीने की इबादत के बाद आखिरी दिन ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है.
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लॉकडाउन के नियमों का करें पालन
समाज के मुतवल्ली (अध्यक्ष) ने बताया कि लोगों को महामारी से बचाने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है. इसी के कारण मस्जिद को भी सरकार के आदेश पर बंद रखा गया है. मस्जिद में नियमानुसार चार लोग ही नमाज अदा कर रहे हैं. हर साल रमजान के महीने में अधिक लोग मस्जिद में नमाज अदा करने पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए धार्मिक आयोजनों को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी अपने घरों में ही सेहरी, इफ्तार और नमाज अदा करें. किसी भी स्थिति में मस्जिद न आएं, ताकि हम संक्रमण से सुरक्षित रहें. समाज के मुतवल्ली ने कहा कि गरीब जरूरतमंद लोगों की मदद करें, यही अल्लाह की इबादत होगी.