कवर्धा: कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम रेंगाखार खुर्द गांव के आस-पास क्षेत्र के दर्जनों गांवों में तकरीबन 300 एकड़ से अधिक चने की फसल उकठा रोग के प्रकोप में है. इस बीमारी से फसल पूरी तरह सूख रहे हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. इस वर्ष अच्छी बारिश से जिले में धान और गन्ना की अच्छी फसल हुई थी. इससे किसान बेहद खुश नजर आ रहे थे. मौसम अच्छा होने के कारण अब किसानों ने तीसरी फसल के रुप में चना की खेती की. लेकिन अब फसल को ही नजर लग गई.
जांच में जुटा विभाग: जिले में उठका रोग ने फसलों को अपने चपेट में ले लिया है. जिससे जिले के 300 एकड़ से अधिक चना फसल सूखने लगा है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. मामले की जानकारी जैसे ही कृषि विभाग को हुई, तो विभागीय अमला फसलों के बिमारी की जांच और बिमारी से प्रभावित खेतों की सर्वे में लग गए हैं.
ज्यादातर प्रकोप रेंगाखार में: फसलों में बिमारी का प्रकोप जिला मुख्यालय से सटे गांव रेगांखार और उसके आस-पास के गांव मे देखने को मिल रहा है. पीड़ित किसान प्रकाश वर्मा ने बताया "धान और क्षेत्र में इस वर्ष धान और गन्ना की अच्छी फसल हुई है. इसके कारण वो 40 एकड़ खेत में चना की खेती कर रहे हैं. पर सूखा रोग से चना को काफी नुकसान हो रहा है. अगर फसल नुकसान हो गया तो जो हमें अन्य फसलों से लाभ हुआ है, वह भी इस नुकसान के भलपहरी में चला जाएगा. "
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पहले नहीं देखा ऐसा रोग: स्थानीय किसान कहते हैं कि ऐसा रोग पहले कभी देखा ही नहीं था. इस तरह की बीमारी से खेती करना मुश्किल सा हो गया है. इस बीमारी ने हम किसानों को चिंता में डाल दिया है." अब किसान विभाग से फसल क्षतिपूर्ति और मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं.
पुराने बीज का किसानों ने किया था उपयोग: उपसंचालक कृषि विभाग राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि चने की फसल में सूखा रोग की जानकारी प्राप्त होते ही विभागीय टीम ने किसानों के खेत में जाकर सर्वे किया. जांच टीम ने पाया कि उकठा रोग से प्रभावित किसानों ने पुराने बीज का उपयोग किया था, जो पहले से ही खराब था. किसानों को उपचार के लिए समझाईश दी गई. साथ ही बीज को लेकर पुराना बीज उपयोग में ना लाने की अपील की गई.