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संकट में छत्तीसगढ़ का धरोहर: भोरमदेव मंदिर के ढहने का खतरा, बारिश के पानी का हो रहा रिसाव

छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धरोहर (historic monuments) भोरमदेव मंदिर (Bhoramdev Temple) की दीवारें कभी भी गिर सकती है. इस मंदिर के दीवार से बारिश के पानी का रिसाव (rain water leak) हो रहा है. इस ओर ना ही शासन और ना ही प्रशासन का ध्यान जा रहा है.

bhoramdev temple
भोरमदेव मंदिर
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Published : Aug 26, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 7:52 PM IST

कवर्धा: एक हजार वर्ष पहले बने ऐतिहासिक धरोहर (historic monuments) भोरमदेव मंदिर(Bhoramdev Temple) की दीवारें पर ढहने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि इसके दीवारों पर बारिश के पानी का रिसाव(rain water leak) हो रहा है. इस ओर शासन और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जा रहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही मंदिर धराशाई हो जाएगा.

भोरमदेव मंदिर


इस साल भी नहीं होगा भोरमदेव मंदिर में पदयात्रा का आयोजन

हजार साल पुराने छत्तीसगढ़ के प्रमुख धरोहरों में से एक प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर (Bhoramdev Temple) की दीवारें गिरने की आशंका है. दरअसल, भोरमदेव मंदिर (Bhoramdev Temple) में बारिश का पानी इतना ज्यादा रिसने लगा है कि मंदिर के गर्भगृह (temple sanctum) में पानी भरने लगा है. बचाव के लिए मंदिर के पुजारियों द्वारा बर्तन से बारिश के पानी को बाहर निकाला जा रहा है. पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन को सूचना देने के बावजूद नजर अंदाज किया जा रहा है.

मैकल पर्वत से घिरे छत्तीसगढ़ के खजुराहों कहे जाने वाले इस मंदिर की खासियत यह है कि 11 शताब्दी में इसका निर्माण हुआ था. ओडिशा के सूर्य मंदिर और मध्यप्रदेश के खजुराहों से इस मंदिर की तुलना की जाती है और छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख धरोहर में माना जाता है, लेकिन अब इस मंदिर के गर्भगृह में बारिश की पानी रिसने के कारण ढहने का खतरा मंडरा रहा है.

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वहीं मंदिर के पुजारियों द्वारा पुरातत्व विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन अब तक पुरातत्व विभाग की ओर से इस विषय को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. जबकि कलेक्टर रमेश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन का मंदिर में कोई हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन बारिश की पानी रिसने की रिपोर्ट आईएसआई को भेजने की बात कही जा रही है.

कवर्धा: एक हजार वर्ष पहले बने ऐतिहासिक धरोहर (historic monuments) भोरमदेव मंदिर(Bhoramdev Temple) की दीवारें पर ढहने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि इसके दीवारों पर बारिश के पानी का रिसाव(rain water leak) हो रहा है. इस ओर शासन और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जा रहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही मंदिर धराशाई हो जाएगा.

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हजार साल पुराने छत्तीसगढ़ के प्रमुख धरोहरों में से एक प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर (Bhoramdev Temple) की दीवारें गिरने की आशंका है. दरअसल, भोरमदेव मंदिर (Bhoramdev Temple) में बारिश का पानी इतना ज्यादा रिसने लगा है कि मंदिर के गर्भगृह (temple sanctum) में पानी भरने लगा है. बचाव के लिए मंदिर के पुजारियों द्वारा बर्तन से बारिश के पानी को बाहर निकाला जा रहा है. पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन को सूचना देने के बावजूद नजर अंदाज किया जा रहा है.

मैकल पर्वत से घिरे छत्तीसगढ़ के खजुराहों कहे जाने वाले इस मंदिर की खासियत यह है कि 11 शताब्दी में इसका निर्माण हुआ था. ओडिशा के सूर्य मंदिर और मध्यप्रदेश के खजुराहों से इस मंदिर की तुलना की जाती है और छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख धरोहर में माना जाता है, लेकिन अब इस मंदिर के गर्भगृह में बारिश की पानी रिसने के कारण ढहने का खतरा मंडरा रहा है.

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वहीं मंदिर के पुजारियों द्वारा पुरातत्व विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन अब तक पुरातत्व विभाग की ओर से इस विषय को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. जबकि कलेक्टर रमेश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन का मंदिर में कोई हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन बारिश की पानी रिसने की रिपोर्ट आईएसआई को भेजने की बात कही जा रही है.

Last Updated : Sep 15, 2021, 7:52 PM IST
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