कवर्धा : हाथी दल कवर्धा जिले को अपना नया ठिकाना बना रहे हैं. अचानकमार टाइगर रिजर्व से होते हुए हाथियों का दल कवर्धा के पंडरिया में डेरा जमाए है. जहां वो फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. हाथियों के दल ने जामुनपानी गांव में ग्रामीणों के मकान को तोड़कर फसलों को रौंदते हुए मलक्चरा,भोईटोला बिरेनबाह ,कुल्हि डोंगरी मूंगाडिह होते हुए बदौरा गांव तक पहुंच गया है. इस गांव से ब्लॉक मुख्यालय की दूरी 10 किलोमीटर (Elephants trampled crops in Kawardha) है.
ग्रामीण हो रहे परेशान : हाथियों का दल लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पात मचा रहे (Elephant terror in Kawardha) हैं. वन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है. लेकिन जिले के ग्रामीणों का हाथियों से सामना करना नया है. ग्रामीणों को ये नहीं पता कि हाथियों का सामना कैसे किया जाए. वनविभाग ग्रामीणों को अलर्ट करके हाथियों से दूर रहने की सलाह दे रहा है. शनिवार रात रवन गुढ़ गांव मे चार ग्रामीणों के मकान में हाथियों ने तोड़फोड़ की.लेकिन सूचना के बाद भी कोदवा गोड़ान रेस्ट हाउस में मौजूद वनविभाग के अफसर कर्मचारी मौके पर नहीं (pandaria forest area ) पहुंचे.
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गन्ना फसल हाथियों की पसंद : जिले में ज्यादातर गन्ना फसल है. माना जाता है हाथियों का सबसे पसंदीदा भोजन गन्ना है. अनुमान ये है कि गन्ना की खुशबू से हाथी आगे बढ़ रहे हैं.अगर हाथियों का दल गन्ना फसलों तक पहुंच जाता है तो उन्हें रोक पाना संभव नही होगा.खतरा शहरी क्षेत्र में भी हाथियों के घुसने का है. इसे लेकर लोग चिंतित है. वन मंडल अधिकारी चुड़ामणी सिंह रवन गुढ़ा और जामुनपानी गांव में हाथियों के नुकसान का आंकलन करने पहुंचे और ग्रामीणों से मिलकर मुआवजा का आश्वासन दिया.Kawardha forest area