कवर्धा : सहसपुर लोहारा नगर पंचायत के पार्षद मनीष नागराज, अजय कुमार यादव, अंजुराम पटेल, जगदीश पटेल ने पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी. उन्होंने हाईकोर्ट को बताया था कि '' सहसपुर लोहारा नगर पंचायत अध्यक्ष उषा मनहरण श्रीवास और उपाध्यक्ष आभा महेन्द्र श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 43 ए छ0ग0 नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया (Lohara Nagar Panchayat no confidence motion case) है. उन्होेंने हाईकोर्ट से मांग की थी कि अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही पूर्ण कराने आदेश जारी किया जाए. उनकी इस मांग पर जस्टिस अरविंद चंदेल ने आदेश दिया था कि ''अविश्वास प्रस्ताव पर 30 दिनों की भीतर कार्यवाही की जाए.''
सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती : सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने डिवीजन बेंच में अपील की थी. इसमें अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही कराने के आदेश को रोकने की मांग की गई थी.इस याचिका में कहा गया था कि '' सहसपुर लोहारा नगर पंचायत के पार्षदों ने जो याचिका दायर की थी उसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पार्टी नहीं बनाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव की मांग वाले आवेदन पर पार्षदों के हस्ताक्षरों का मिलान नहीं हो रहा है. अध्यक्ष उपाध्यक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि 10 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है लेकिन इनमें से केवल 04 पार्षदों ने ही हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.
कब लाया था अविश्वास प्रस्ताव : अध्यक्ष उपाध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरूप गोस्वामी और संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिका 21अक्टूबर को सुनवाई योग्य मानते हुए पूर्व में सिंगल बेंच के द्वारा 30 दिनों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही करने के दिए गए आदेश पर रोक लगा दी (Division Bench of High Court put a stay ) है. दरअसल नगर पंचायत लोहारा के 3 कांग्रेसी पार्षद, 07 भाजपा के पार्षदों ने अप्रैल 2022 को अध्यक्ष उपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार भेदभाव का आरोप लगाते हुआ अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा था. लेकिन कार्यवाही नहीं होने से नाराज पार्षदों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.kawardha latest news