कवर्धा: छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना की शुरुआत की है. जिससे किसानों को आर्थिक लाभ के साथ मवेशियों को खिलाने-पिलाने और देख-रेख की चिंता दूर हो, लेकिन योजना के तहत जिले में मवेशियों के लिए बनाए गए गौठान महज कुछ ही महीनों में दम तोड़ते हुए नजर आ रहा है. सहसपुर लोहारा ब्लॉक के ग्राम पंचायत वीरेन्द्र नगर में बने गौठान में ऐसा ही नजारा देखने को मिला. गौठान में जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अव्यवस्था फैली हुई है.
योजना के तहत ग्राम पंचायत वीरेन्द्र नगर में प्रशासनिक स्वीकृति से लगभग 16 लाख रुपए की लागत से गौठान का निर्माण कराया गया है. जहां ग्रामीणों के मवेशियों को एक सुरक्षित स्थान पर चारा मिल सके. साथ ही गौठान में काम करने वाले को रोजी-रोटी मिल सके और योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट और जैविक खाद का निर्माण कर आत्मनिर्भर बना जा सके, लेकिन यहां के गौठान में ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है.
गौठान में कई तरह की अव्यवस्था
गौठान में कई तरह की परेशानियां हैं, जिसके कारण ग्रामीण अपने मवेशियों को यहां नहीं भेज रहे हैं. गौठान के पानी टंकी लंबे समय से सुखा पड़ा है. वहीं चारे की कमी भी है. इसके अलावा गौठान में आस्थाई शेड बनाना गया था, जो जर्जर हो चुका है और मवेशियों के छांव के लिए दूसरा कोई इंतेजाम नहीं किया गया है. दरअसल, योजना की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है, लेकिन उनके ध्यान नहीं दिए जाने के कारण गौठान की हालत बद से बदतर होती जा रही है.