कवर्धा : बंद पड़े गिट्टी खदान को शुरु करने को लेकर भलपहरी समेत आसपास के कई गांवों के लोग कलेक्टर के पास पहुंचे. ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर भलपहरी गिट्टी खदान संचालन को जारी करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है '' गिट्टी खदान से आप-पास के सैकड़ों ग्रामीणों की रोजी रोटी चलती है.गिट्टी खदान में सैंकड़ों लोग काम करते हैं. इससे लोगों को रोजगार मिलता है.अगर खदान बंद हो जाएगा तो लोगों के सामने गरीबी और भुखमरी की स्थिति बन जाएगी.
गांव में नहीं है रोजगार : ग्रामीणों की माने तो ''शहर से दूर होने के कारण गांव में रोजगार के साधन नहीं है.यदि खदान बंद हुई तो मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो जाएगी. ग्राम पंचायत भलपहरी के कुछ लोगों ने अपनी निजी स्वार्थ के कारण खदान संचालन से गांव में समस्या होना बताकर खदान बंद करने की मांग की है.जो पूरी तरह से गलत है.''
क्या है पूरा मामला : दरअसल भलपहरी गांव में आशा मिलर्स गिट्टी खदान वर्षा से संचालित कर रही है. खदान के आप-पास गांव के सैकड़ों लोग यहां कार्य करते हैं. जिससे उनका जीवनयापन हो रहा है. लेकिन कुछ दिनों पहले कुछ स्थानीय लोगों ने खदान में ब्लास्टिंग से गांव में वॉटर लेबल डाउन होने मकानों में दरार होने की शिकायत कलेक्टर से की. गिट्टी खदान बंद करने की मांग की गई थी.
ये भी पढ़ें- आग लगने से लाखों की गन्ने की फसल राख
कलेक्टर ने की थी जांच :कलेक्टर ने मामले में एसडीएम के नेतृत्व में जांच टीम बनाकर भलपहरी और आसपास गांव का निरीक्षण कराया. लेकिन वॉटर लेबल सामान्य पाया गया. इसके बावजूद गांव के कुछ लोग खदान बंद करने की मांग कर रहे हैं. इसी कारण खदान में काम करने वाले ग्रामीण और आसपास के जनप्रतिनिधि कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर खदान संचालन जारी रखने की मांग की है.