कवर्धा: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट पंडरिया विधानसभा में जबरदस्त मुकाबले के बीच बीजेपी ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर पंडरिया विधानसभा सीट से बीजेपी की भावना बोहरा और कांग्रेस प्रत्याशी नीलकंठ चंद्रवंशी आमने सामने थे. लेकिन कांग्रेस को पछाड़ते हुए बीजेपी ने जीत दर्ज की है. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कुल 76.31 प्रतिशत मतदान हुआ है.
पंडरिया क्षेत्र में इस बार जबरदस्त मुकाबला: हालांकि इस बार कांग्रेस ने नीलकंठ चंद्रवंशी पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने नीलकंठ को टिकट दिया है. तो वहीं, बीजेपी ने यहां महिला प्रत्याशी को उतारा है. बीजेपी ने भावना बोहरा को इस सीट से टिकट दिया है. बताया जा रहा है कि भावना की क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के कारण बीजेपी ने उनको प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी की भी क्षेत्र में अच्छी पकड़ बताई जा रही है. ऐसे में इस बार चुनाव में पंडरिया क्षेत्र में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा.
पंडरिया विधानसभा में चन्द्रवंशी और आदिवासी का दबदबा: पंडरिया विधानसभा में चंद्रवंशी और आदिवासी समाज का दबदबा है. क्षेत्र में दोनों समाज के मतदाताओं की ज्यादा संख्या है. जो हार और जीत का फैसला करती हैं. हालांकि चंद्रवंशी समाज कांग्रेस और भाजपा दोनों में बंटे हुए हैं लेकिन प्रत्याशी समाज का करीबी नहीं होने पर खामियाजा भुगतना पड़ता है. इसलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस सीट पर जातिगत आधार पर प्रत्याशी उतारते हैं. जमीन स्तर पर चंद्रवंशी समाज का दबदबा है तो वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज का दबदबा है. दोनों ही समाज प्रत्याशी की जीत और हार का फैसला करते हैं.
पंडरिया विधानसभा में मतदाताओं की संख्या: पंडरिया में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 16 हजार 279 है. पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 57 हजार है. महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 58 हजार 554 है.
पंडरिया की मुख्य समस्याएं: समस्याओं की बात करें तो पंडरिया विधानसभा की ज्यादातर इलाकों में सड़क की स्थिति जर्जर है. बस स्टैंड का अभाव है. रोजगार का कोई साधन नहीं है. वनांचल इलाकों की बात करें तो वहां के बैगा आदिवासी परिवार आज भी बिजली पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं.
ये है प्रमुख मांगें: ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण प्रमुख मांग है. वनांचल एरिया होने के कारण रोजगार की कमी है. रेल लाइन की मांग के लिए 103 दिन आंदोलन किया गया था.
पंडरिया विधानसभा चुनाव 2018 की तस्वीर: 2018 के विधानसभा चुनाव में पंडरिया विधानसभा में ओवरऑल 78.49 प्रतिशत मतदान हुआ. कांग्रेस की ममता चंद्राकर ने भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी को हराकर पंडरिया सीट अपने नाम की. कांग्रेस की ममता चंद्राकर को 100907 वोट मिले. जिसका वोट प्रतिशत 46 प्रतिशत रहा. भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी को 64420 वोट मिले. जिसका वोट प्रतिशत 30 प्रतिशत था. तीसरे स्थान पर बीएसपी के चैतराम राज रहे. उन्हें 33547 वोट मिले. वोट प्रतिशत 15 प्रतिशत रहा.
2013 चुनाव में भाजपा के मोतीराम बने थे विधायक: 2013 के विधानसभा चुनाव में पंडरिया सीट पर 15 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. भाजपा ने 2013 में भी मोतीराम चंद्रवंशी को प्रत्याशी बनाया था जबकि कांग्रेस ने लालजी चंद्रवासी को मैदान में उतारा था. चुनाव में मोतीराम चंद्रवंशी ने कांग्रेस को लालजी चंद्रवंशी को मात दी. चंद्रवंशी को 81685 वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रवासी को 74412 वोट मिले.
जनता सरकार से खुश, विधायक से नाराज: पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे को लेकर आम जनता में काफी आक्रोश देखने को मिलता है. क्षेत्र की सड़कों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन और विरोध का सामना कर रही विधायक ममता चंद्राकर से अब कार्यकर्ता भी नाखुश दिखने लगे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता अब खुलकर विरोध भी करने लगे हैं. पंडरिया विधानसभा में जनता कांग्रेस सरकार की योजनाओं से संतुष्ट हैं लेकिन मुलभूत सुविधाएं पूरी करने में विधायक नाकाम साबित हो रही है. देखना होगा आने वाला चुनाव में जनता प्रत्याशी को पसंद करती हैं या पार्टी को देखकर वोट करती है.