कवर्धा: भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पेराई सत्र शुरू होने के पहले मेंटेनेंस में भारी लापरवाही बरती गई है. इसके कारण कारखाने के ब्लोअर हाउस में खराबी आ गई है. इससे उत्पादन शक्कर भूरे और काले रंग का निकल रहा है. खराब उत्पादन से हो रहे नुकसान के लिए कारखाना प्रबंधन को जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं किसान संघ ने भी प्रबंधन को जल्द स्थिति ठीक नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
बता दें कि जिस कारखाने की क्षमता एक दिन में 3500 मीट्रिक टन गन्ना पेराई की है, उसमें अभी 545 मीट्रिक टन औसत के हिसाब से 18 दिन में मात्र 9 हजार 813 मीट्रिक टन गन्ना पेराई हुआ है. अब तब हुए गन्ना पेराई से करीब 3500 किलो शक्कर तैयार हुआ है. वह भी गुणवत्ताहीन है, क्योंकि उत्पादित शक्कर बारीक और काले रंग का है.
मेंटेनेंस कार्य में लापरवाही
कारखाना प्रबंधन की मानें, तो ब्लोअर हाउस में जूस ज्यादा आ गया था. सल्फर डाई ऑक्साइड सप्लाई वाली पाइप लाइन में तकनीकी खराबी है, जिसके चलते शक्कर का रंग भूरा और काला निकल रहा है, लेकिन पेराई सत्र की शुरुआत में ही इस कारखाने के मेंटेनेंस कार्य में लापरवाही बरती गई है.
मशीनों में तकनीकी समस्या
साथ ही तय समय में मेंटेनेंस कार्य नहीं होने के कारण एक दिसंबर से गन्ना पेराई शुरू होना था, लेकिन उस दिन सिर्फ पूजा ही हुई. इसके 10 दिन बाद यानी 11 दिसंबर को गन्ना पेराई शुरू किया गया, लेकिन मेंटेनेंस में लापरवाही से मशीनों में तकनीकी समस्या आने लगी है. इस सीजन कारखानों में गन्ना पेराई अप्रैल 2020 तक चलेगा.
किसान संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस पूरे मामले में कलेक्टर अवनीश शरण का कहना है कि तकनीकी समस्या के कारण शक्कर में कालापन आ रहा है. उसे सुधारने के लिए तकनीकी टीम जुटी हुई है. वहीं कारखाने में लापरवाही बरतने को लेकर किसान संघ ने कारखाना प्रबंधन पर करोड़ों रुपए का गबन करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं लापरवाही के कारण किसानों का गन्ना जाम हो गया है. इससे उनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही किसानों ने जल्द स्थिति ठीक नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.